मऊ।
मुख्यमंत्री हस्तशिल्प पेंशन योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश सरकार ने परंपरागत कलाओं को संरक्षित करने और बुजुर्ग हस्तशिल्पियों के जीवन स्तर को सुधारने की दिशा में एक सराहनीय पहल की है। यह योजना विशेष रूप से 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के हस्तशिल्पियों के लिए लागू की गई है, जिसमें पात्र शिल्पकारों को 500 रुपये प्रतिमाह पेंशन प्रदान की जाएगी।
उपायुक्त उद्योग राजेश रोमन ने जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना का क्रियान्वयन जिला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यमिता विकास केन्द्र, मऊ द्वारा किया जाएगा। यदि पात्र लाभार्थियों की संख्या अधिक होती है और धनराशि सीमित रहती है, तो शारीरिक रूप से अक्षम तथा अधिक आयु वाले हस्तशिल्पियों को वरीयता दी जाएगी।
इस योजना में शामिल होने के लिए आवेदक की न्यूनतम आयु 60 वर्ष होनी चाहिए। यदि कोई हस्तशिल्पी विकलांग है, तो उसे आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट दी जाएगी, लेकिन इसके लिए मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा प्रमाणित विकलांगता प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
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योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन केवल www.msme.up.gov.in वेबसाइट पर ऑनलाइन भरा जाएगा। इसके बाद आवेदन की हार्ड कॉपी तथा आवश्यक दस्तावेज जिला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यमिता विकास केन्द्र, गाजीपुर तिराहा, मऊ में जमा करनी होगी।
इसके अलावा, योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक के परिवार की वार्षिक आय एक लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। अधिक जानकारी हेतु कार्य दिवसों में जिला उद्योग केन्द्र, मऊ से संपर्क किया जा सकता है।
यह योजना एक ओर जहां पारंपरिक कलाओं को प्रोत्साहित करती है, वहीं दूसरी ओर बुजुर्ग और अक्षम हस्तशिल्पियों को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने का कार्य भी करती है।