4PM यूट्यूब चैनल ब्लॉक किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। पत्रकार संजय शर्मा द्वारा संचालित इस यूट्यूब चैनल को हाल ही में बिना पूर्व सूचना ब्लॉक कर दिया गया, जिसे चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया गया है।
संजय शर्मा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत में दलील पेश करते हुए कहा कि 4PM यूट्यूब चैनल ब्लॉक करना अनुच्छेद 19(1)(a) के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन है। उन्होंने यह भी बताया कि चैनल को बिना कोई कारण बताए या नोटिस दिए बंद किया गया, जो कानून और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के विरुद्ध है।
कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि चैनल को अंतरिम राहत के रूप में तत्काल अनब्लॉक किया जाए। हालांकि, पीठ ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार से जवाब नहीं मिलता, तब तक एकतरफा आदेश नहीं दिया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि दूसरे पक्ष को सुने बिना कोई अंतरिम आदेश नहीं दिया जाएगा।
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कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक महत्वपूर्ण संवैधानिक अधिकार है, लेकिन यदि सरकार ने किसी विशेष आधार पर कार्रवाई की है, तो उसका पक्ष सुना जाना आवश्यक है। मामले की अगली सुनवाई अगले सप्ताह निर्धारित की गई है।
यह याचिका न केवल एक पत्रकार की स्वतंत्रता की रक्षा से जुड़ी है, बल्कि डिजिटल मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सरकारी नियंत्रण की प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े करती है। इस प्रकरण के निर्णय से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सरकारी अधिकारों की सीमा को लेकर एक नई दृष्टि स्थापित हो सकती है।
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