बलूचिस्तान की आज़ादी की घोषणा: क्षेत्रीय तनाव बढ़ा
बलूचिस्तान की आज़ादी की घोषणा ने 14 मई 2025 को दक्षिण एशिया के राजनीतिक मानचित्र में एक बड़ा मोड़ ला दिया। बलूच लेखक और नेता मीर यार बलूच ने इसे पाकिस्तान से स्वतंत्र राष्ट्र घोषित करते हुए सोशल मीडिया पर क्रांतिकारी लहर पैदा कर दी। यह घोषणा एक्स (पूर्व ट्विटर) पर #RepublicOfBalochistanAnnounced हैशटैग के साथ ट्रेंड करने लगी।
घोषणा में मीर यार बलूच ने इसे बलूच जनता का “राष्ट्रीय फैसला” बताया और दशकों से चले आ रहे मानवाधिकार उल्लंघन, जबरन गायबियों और सैन्य दमन को कारण बताया। उन्होंने कहा, “अब बलूचिस्तान पाकिस्तान का हिस्सा नहीं है।”
बलूचिस्तान की आज़ादी की मांग लंबे समय से उठती रही है, लेकिन पहली बार किसी प्रमुख नेता ने इसे सार्वजनिक रूप से घोषित किया है। उन्होंने भारत सरकार से नई दिल्ली में बलूच दूतावास खोलने की अनुमति मांगी, और संयुक्त राष्ट्र से शांति मिशन भेजने और इस स्वतंत्रता को मान्यता देने की अपील की।
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अंतरराष्ट्रीय अपील और स्थानीय समर्थन
मीर यार बलूच ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वे बलूचिस्तान को एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में मान्यता दें। उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री और नागरिकों से समर्थन की अपील की, विशेष रूप से यह अनुरोध करते हुए कि बलूच लोगों को “पाकिस्तान के अपने लोग” न कहा जाए।
बलूचिस्तान के कई शहरों में हजारों लोग सड़कों पर उतरे, बलूच झंडे लहराए और “आज़ाद बलूचिस्तान” के नारे लगाए। यह प्रदर्शन दिखाते हैं कि स्वतंत्रता की घोषणा को ज़मीन पर भी व्यापक समर्थन प्राप्त है।

क्षेत्रीय संदर्भ और पृष्ठभूमि
बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है, जो प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध होने के बावजूद अत्यधिक उपेक्षित रहा है। यहां बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) जैसे सशस्त्र समूह वर्षों से सक्रिय हैं। हाल के महीनों में BLA ने पाकिस्तान और चीन की संयुक्त परियोजनाओं पर कई हमले किए हैं।
यह घटनाक्रम भारत द्वारा “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर हमलों के बाद सामने आया है। मीर यार बलूच ने भारत की इस नीति का समर्थन करते हुए PoK से पाकिस्तान को हटाने की मांग की।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और अगला कदम
अभी तक किसी भी देश या संयुक्त राष्ट्र ने बलूचिस्तान की स्वतंत्रता को औपचारिक मान्यता नहीं दी है। पाकिस्तान सरकार की ओर से भी अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
हालांकि, मीर यार बलूच का यह कदम अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल पैदा कर सकता है। क्षेत्र में तनाव और अस्थिरता की स्थिति बढ़ रही है, और दुनिया की निगाहें अब बलूचिस्तान की ओर हैं।
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