फाजिलनगर (कुशीनगर)। फाजिलनगर परसौनी सड़क प्रदर्शन अब आम लोगों के धैर्य की सीमा पार कर चुका है। वर्षों से खस्ताहाल पड़ी इस सड़क को लेकर शुक्रवार को ग्रामीणों का आक्रोश आखिरकार फूट पड़ा। परसौनी मोड़ पर दर्जनों स्थानीय नागरिकों ने धरना देकर विरोध दर्ज कराया।
प्रदर्शन की अगुवाई नंदलाल विद्रोही और पुरुषोत्तम गुप्ता ने की। उनके साथ गांव के प्रधान दीपक सिंह, साहब अंसारी, अमित कुमार मद्धेशिया, विकास कुमार, नंदकिशोर कुशवाहा, हेमंत वर्मा और नागेंद्र सिंह सहित कई ग्रामीण मौजूद रहे। प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट कहा कि अगर अब भी सड़क निर्माण शुरू नहीं हुआ तो बड़ा आंदोलन होगा।
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यह सड़क न केवल फाजिलनगर से बिहार सीमा तक व्यापारिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इस मार्ग से हर दिन स्कूली बच्चे भी आवागमन करते हैं। ग्रामीणों ने चिंता व्यक्त की कि आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं और कई बच्चों को अस्पताल का मुंह देखना पड़ता है।
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि विभाग को कई बार ज्ञापन सौंपा गया लेकिन नतीजा शून्य रहा। लोगों का आरोप है कि जिम्मेदार अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं और विभागीय मशीनरी कुंभकर्णी नींद में है।
कमलेश वर्मा ने कहा कि बरसात आते ही सड़क की हालत और भयावह हो जाती है। वहीं मनीष वर्मा और सुनील ने चेतावनी दी कि अगर शीघ्र काम शुरू नहीं हुआ तो सड़क जाम और तहसील का घेराव किया जाएगा।
फिलहाल मामला तूल पकड़ चुका है और स्थानीय प्रशासन की परीक्षा की घड़ी आ गई है। जनता ने साफ शब्दों में कह दिया है — “सड़क नहीं तो चुप्पी नहीं!”
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