बहराइच। रविवार को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस गोष्ठी का आयोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार में किया गया। इस मौके पर जनपद की सभी प्रमुख स्वास्थ्य इकाइयों, विशेष रूप से जिला अस्पताल की एनसीडी क्लीनिक में जागरूकता कार्यक्रम, हस्ताक्षर अभियान, व स्वास्थ्य जांच शिविर भी आयोजित किए गए।
गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए सीएमओ डॉ. संजय कुमार ने कहा कि हाई ब्लड प्रेशर को “साइलेंट किलर” कहा जाता है क्योंकि इसके लक्षण लंबे समय तक पहचान में नहीं आते। उन्होंने बताया कि आजकल युवाओं, विशेषकर 20 से 30 वर्ष की उम्र में, हाई ब्लड प्रेशर की समस्या तेजी से बढ़ रही है।
एनपी-एनसीडी कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. संदीप मिश्रा ने बताया कि उच्च रक्तचाप मस्तिष्क, हृदय और किडनी जैसे अंगों को बिना लक्षणों के नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने बताया कि “मिजर योर ब्लड प्रेशर एक्यूरेटली, कंट्रोल इट, लिव लांगर” इस वर्ष की थीम है।
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डॉ. मिश्रा ने कहा कि चिड़चिड़ापन, सिरदर्द, थकान और सांस लेने में दिक्कत इसके सामान्य लक्षण हो सकते हैं। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, कम नमक का सेवन और तनाव रहित जीवनशैली अपनाकर इस समस्या से बचा जा सकता है।
डीएचआईओ बृजेश सिंह ने बताया कि लगभग 75% उच्च रक्तचाप के मामले फैटी लिवर से जुड़े होते हैं। उन्होंने इसके लिए डिजिटल गैजेट्स के अधिक उपयोग, नींद की कमी और लगातार मानसिक दबाव को जिम्मेदार ठहराया।
एनसीडी क्लीनिक के डॉ. अंशुमान सिंह श्रीनेत्र ने बताया कि अधिक धूम्रपान करने वाले लोगों में ब्लड वेसल्स सिकुड़ने लगती हैं जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। वहीं डॉ. परितोष तिवारी ने कहा कि 30 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों में हाइपरटेंशन के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं।
इस अवसर पर एनपी-एनसीडी से विवेक श्रीवास्तव, मोहम्मद हारून, मोहम्मद फहीम, डॉ. रियाजुल हक, पुनीत शर्मा, स्वाति श्रीवास्तव, बृज प्रकाश, संतोष सिंह, मुकेश हंस, अजय महतो, सीमा कुमारी व अजय प्रताप सिंह आदि उपस्थित रहे।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित इस जागरूकता गोष्ठी का उद्देश्य था— विश्व उच्च रक्तचाप दिवस के माध्यम से नागरिकों को हाइपरटेंशन के खतरों से अवगत कराना और नियमित जांच के प्रति सजग बनाना।