मऊ में आयोजित जिला स्तरीय समीक्षा समिति बैठक की अध्यक्षता जिलाधिकारी प्रवीण मिश्र ने की, जिसमें विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत ऋण वितरण और बैंकिंग सेवाओं की प्रगति पर मंथन हुआ। बैठक में जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि 25 लाख रुपये तक के ऋण आवेदनों का निस्तारण अधिकतम 14 दिनों के भीतर किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि बिना ठोस कारण के कोई भी आवेदन निरस्त न किया जाए।
बैठक में लीड बैंक मैनेजर अनिल सिन्हा ने बताया कि मार्च 2025 तक जनपद का ऋण जमा अनुपात 39.13% रहा, जो दिसंबर 2024 के 39.15% से कम है। इस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताई और कहा कि जून तिमाही तक यह अनुपात 40% से ऊपर लाने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं। स्टेट बैंक का ऋण जमा अनुपात मात्र 23.27% और केनरा बैंक का 26.24% रहने पर दोनों बैंकों को स्पष्ट चेतावनी दी गई कि प्रदर्शन में सुधार करें।
बैठक में यह भी बताया गया कि वार्षिक ऋण योजना में 77.63% की प्रगति हुई है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि जून तक इस प्रगति को 100% तक पहुंचाया जाए। सभी विभागीय अधिकारियों को सरकारी योजनाओं के तहत अधिक से अधिक ऋण आवेदन तेजी से बैंकों को भेजने के निर्देश दिए गए ताकि लाभार्थियों को समय से ऋण मिल सके।
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बैठक के दौरान पीएम सूर्य घर योजना में 30 लंबित आवेदनों का मुद्दा भी उठा। जिलाधिकारी ने संबंधित बैंकों को इनका शीघ्र निस्तारण करने के आदेश दिए। साथ ही सभी बैंकों को निर्देशित किया गया कि सरकारी योजनाओं के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट की सूची अपने शाखाओं में चस्पा करें ताकि लाभार्थियों को बार-बार दस्तावेजों के लिए चक्कर न काटना पड़े।
मुख्यमंत्री ग्राम उद्योग रोजगार योजना, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, एक जनपद एक उत्पाद योजना, और प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना सहित सभी प्रमुख सरकारी योजनाओं की समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने कहा कि निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार शत-प्रतिशत ऋण वितरण सुनिश्चित किया जाए।
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