उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में एक दर्दनाक हादसे में हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से चार लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। गाजीपुर करंट हादसा को लेकर क्षेत्र में शोक और आक्रोश का माहौल है। लोगों ने प्रशासन और बिजली विभाग की लापरवाही को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
स्थानीय रिपोर्टों के मुताबिक, यह हादसा तब हुआ जब लोग एक सार्वजनिक स्थान पर मौजूद थे और अचानक ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाइन से करंट फैल गया। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें कुछ की हालत नाजुक बनी हुई है।
पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्षी दलों के नेताओं ने इस दुर्घटना को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि राज्य सरकार और बिजली विभाग को एक-दूसरे पर दोषारोपण करने की बजाय तत्काल जांच बैठाकर दोषियों को निलंबित करना चाहिए। साथ ही मृतकों के परिजनों और घायलों को उचित मुआवज़ा देने की मांग की गई है।
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विपक्ष का आरोप है कि सरकार बिजली संकट को लेकर गंभीर नहीं है। कई जिलों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति का दावा खोखला साबित हो रहा है। आए दिन होने वाले धरना-प्रदर्शनों और बिजली कटौती की खबरों के बावजूद कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला जा सका है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सरकार ने समय रहते बिजली उत्पादन के नए प्लांट लगाए होते या सपा सरकार के समय बने पावर प्लांट्स को दुरुस्त कर उनकी क्षमता बढ़ाई होती, तो आज इस तरह की बिजली की बदहाली सामने नहीं आती।
साथ ही राज्य में सोलर एनर्जी जैसे वैकल्पिक स्रोतों पर ध्यान न देना सरकार की ऊर्जा नीति पर सवाल खड़े करता है। ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में बिजली की लगातार अनुपलब्धता आम जनता के जीवन को प्रभावित कर रही है।
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