राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में शनिवार को बड़ा घटनाक्रम सामने आया, जब पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया। इस अप्रत्याशित निर्णय की जानकारी स्वयं लालू यादव ने सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए दी, जिसमें उन्होंने तेजप्रताप के निजी आचरण और लोकमर्यादा के खिलाफ व्यवहार को कारण बताया।
लालू यादव ने अपने बयान में साफ कहा कि तेजप्रताप की गतिविधियाँ और गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार पार्टी और परिवार की मूलभूत सांस्कृतिक और नैतिक परंपराओं के अनुरूप नहीं हैं। उन्होंने लिखा, “निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अवहेलना करना हमारे सामाजिक न्याय के लिए सामूहिक संघर्ष को कमजोर करता है।” लालू यादव ने कहा कि इन परिस्थितियों के चलते वे तेजप्रताप को पार्टी और परिवार से दूर कर रहे हैं।
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तेजप्रताप यादव को लेकर लालू यादव की यह सख्त कार्रवाई न केवल राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गई है, बल्कि यह पारिवारिक और वैचारिक अनुशासन पर भी बड़ा संकेत है। लालू यादव ने स्पष्ट किया कि अब से तेजप्रताप का न पार्टी में और न ही परिवार में कोई भी भूमिका होगी।

लालू ने कहा कि हर व्यक्ति अपने निजी जीवन के अच्छे-बुरे को समझने में सक्षम है और उसी आधार पर लोग उससे संबंध बनाए रखें। उन्होंने यह भी कहा कि वे लोकजीवन में हमेशा लोकलाज के हिमायती रहे हैं और उनके परिवार के आज्ञाकारी सदस्य भी सार्वजनिक जीवन में इसी विचारधारा का पालन करते आए हैं।
इस बयान के साथ ही राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। तेजप्रताप यादव ने अब तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन इतना तय है कि यह निर्णय न केवल उनके राजनीतिक करियर को प्रभावित करेगा, बल्कि RJD की अंदरूनी राजनीति पर भी दूरगामी असर डालेगा।
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