लखनऊ में दिल्ली ब्लास्ट आरोपी डॉ शाहीन को लेकर बड़ी कार्रवाई सामने आई है। राष्ट्रीय मेडिकल काउंसिल के निर्देश पर उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल काउंसिल ने डॉ. शाहीन का पंजीकरण रद्द कर दिया है। पंजीकरण रद्द होने के बाद वह पूरी जिंदगी मेडिकल प्रैक्टिस नहीं कर सकेंगी। कार्रवाई में दिल्ली ब्लास्ट आरोपी डॉ शाहीन के साथ जम्मू मूल के डॉ. आदिल अहमद का पंजीयन भी निरस्त किया गया है।
राज्य काउंसिल के अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली ब्लास्ट में आरोप सामने आने के बाद इंडियन मेडिकल काउंसिल ने सभी राज्यों को पत्र भेजकर उन डॉक्टरों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे, जिन पर गैर-कानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोप लगे हैं। इसके बाद दोनों डॉक्टरों के पंजीयन की समीक्षा की गई और उन्हें तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया।
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डॉ. शाहीन ने वर्ष 2005 में पंजीकरण कराया था। वहीं डॉ. आदिल अहमद पहले जम्मू-कश्मीर मेडिकल काउंसिल में पंजीकृत थे। बाद में वह अनापत्ति प्रमाणपत्र लेकर उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल काउंसिल में स्थानांतरित हुए और वर्ष 2010 में यहां पंजीकरण प्राप्त किया। उन्होंने निजी प्रैक्टिस करने के लिए आवेदन दिया था। अब पंजीयन रद्द होने के बाद दोनों चिकित्सकीय कार्य नहीं कर पाएंगे।
विशेषज्ञों का कहना है कि मेडिकल पंजीकरण रद्द होना किसी भी डॉक्टर के लिए सबसे कठोर कार्रवाई मानी जाती है। यह कदम तभी उठाया जाता है जब किसी चिकित्सक के खिलाफ गंभीर आरोप हों या वह पेशेवर नैतिकता का घोर उल्लंघन करता पाया जाए। हालांकि, आदेश के बाद दोनों डॉक्टरों को कानूनी विकल्प उपलब्ध रहेंगे, जिन पर वे आगे कार्रवाई कर सकते हैं।
इस कार्रवाई के बाद उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल काउंसिल ने कहा कि भविष्य में भी ऐसे मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। काउंसिल के अनुसार, मरीजों की सुरक्षा और चिकित्सा क्षेत्र की नैतिकता सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसलिए किसी भी डॉक्टर पर गंभीर आपराधिक आरोप लगने पर पंजीकरण की समीक्षा अनिवार्य मानी जाएगी।
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