नई दिल्ली। भारत और अमेरिका समुद्री क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमत हैं, इसके लिए अमेरिकी बंदरगाहों ने बंदरगाह आधारित व्यापक विकास विशेष रूप से महत्वाकांक्षी सागरमला कार्यक्रम में रूचि दिखाई है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत 150 परियोजनाओं में 50-60 बिलियन डॉलर के बुनियादी ढांचा निवेश तथा औद्योगिक वृद्धि के लिए 100 बिलियन डॉलर निवेश की संभावना है। केंद्रीय शिपिंग, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लॉन्ग बीच शहर के बंदरगाह विभाग के प्रतिनिधियों के साथ व्यापक विचार विमर्श किया। इस दौरान उन्होंने नये बंदरगाहों के निर्माण और विकास, मौजूदा बंदरगाहों में नये बर्थ/टर्मिनल के निर्माण, तटीय आर्थिक क्षेत्र, गाद निकालने, जहाज निर्माण, जहाज की मरम्मत, जहाज की रिसाइक्लिंग, अंतर्देशीय जल मार्ग का विकास तथा तटीय और क्रूज़ शिपिंग में निवेश करने की पेशकश की। श्री गडकरी ने लॉन्ग बीच बंदरगाह का दौरा किया और वहां प्रौद्योगिकी आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करने तथा द्विपक्षीय वाणिज्य को बढ़ाने के लिए भारत के महत्वपूर्ण जवाहर लाल नेहरू बंदरगाह के साथ संयुक्त उद्यम अवसरों का पता लगाया। लॉन्ग बीच बंदरगाह 1911 में स्थापित किया गया था।
मंत्री श्री गडकरी ने नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा समुद्री क्षेत्र को दी जा रही नियामक सहायता के बारे में बताया। इसमें शिपयार्ड के बुनियादी ढांचा के लिए अनुदान, मरम्मत के निर्धारित ऑर्डर के लिए भारतीय शिपयार्ड के वास्ते समर्थित घरेलू पात्रता मानदंड, विदेश जाने वाले पोतों के लिए जहाज मरम्मत पर सेवा कर से छूट, महानिदेशकों से अनुमति के बगैर तुरंत जहाज मरम्मत व्यवसाय स्थापित करना शामिल हैं।