नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में गुरुवार को कश्मीर के तमाम मुद्दों पर सरकार की तरफ से बयान दिया। उन्होंने कहा कि कश्मीर में अगर आतंकवाद है तो पाकिस्तान की वजह से है। पाकिस्तान को भारत के मुसलमानों के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है। जो पाकिस्तान मजहब के नाम पर हमसे अलग हुआ था, अब हमें ही अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है। कश्मीर के हालात सरकार अकेले नहीं सुधार सकती। इसके लिए सबको मिलकर कोशिश करनी होगी।
लोकसभा में बोले राजनाथ, कश्मीर में हिंसा के पीछे पाक
श्री सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश दौरे पर होने के बावजूद मुझसे लगातार संपर्क में थे। प्रधानमंत्री कश्मीर के हालात पर चिंतित थे और लगातार अपने सुझाव भी दे रहे थे। विदेश से वापस आते ही प्रधानमंत्री ने पहली मीटिंग कश्मीर मुद्दे पर की। उन्होंने कहा कि विविधता में एकता भारत की खासियत है और हम इसे बनाए रखेंगे। कश्मीर भारत का मुकुट है। मैं मानता हूं कि इसे हमारे पड़ोसी देश की नजर लग गई है। कश्मीर में अगर आतंकवाद है तो पाकिस्तान की वजह से है। पाकिस्तान को भारत के मुसलमानों के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है।
गृहमंत्री ने कहा कि हमें कश्मीर में शहीद होने वाले हर जवान की मौत का गहरा अफसोस है। मैं कश्मीरियों की देशभक्ति पर कोई संदेह नहीं करता। लेकिन कुछ लोग हमारे जवानों की मौत पर जश्न मनाते हैं, इसे हैवानियत की मानसिकता नहीं तो फिर क्या कहा जाए? कश्मीर के हालात सरकार अकेले नहीं सुधार सकती। सबको मिलकर कोशिश करनी होगी। सभी सरकारों ने कश्मीर की हालत सुधारने की कोशिश की, इसमें कोई शक नहीं है। पाकिस्तान चाहता है कि घुसपैठ में बढ़ोत्तरी हो लेकिन मुझे गर्व है कि हमारे जवानों ने लगातार उनकी कोशिश को नाकाम किया है।
श्री सिंह ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि बुरहान वानी कुख्यात आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर था। उसके खिलाफ हत्या, मारपीट और सुरक्षाबलों से हथियार छीनने के मामलों में कम से कम 15 केस दर्ज थे। टेक सैवी युवाओं को सोशल मीडिया के जरिए आतंकवाद की ओर आकर्षित करता था। हमारी सेना को ख़ुफ़िया जानकारी मिली थी जिसके मुताबिक हमने ऑपरेशन किया और बुरहान वानी का मार गिराया। बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर में लोग सड़कों पर उतर आए और पथराव करने लगे। भीड़ को रोकने के लिए पहले नॉन-लेथल वीपन का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि पहली बार भीड़ को रोकने के लिए पेलेट गन का प्रयोग किया था। 2010 में भी प्रयोग किया गया था। हमारा मानना है कि जहां तक हो सके उसमें टियर गैस और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया जाए। हम एक एक्सपर्ट कमिटी बनाएंगे जो 2 माह के अंदर पेलेट गन का ऑल्टरनेटिव सुझाएगी। कश्मीर में हमारे सुरक्षाबल भी शहीद हुए हैं, घायल हुए हैं। इसके बावजूद हमने जितना हो सका, धैर्य रखा। हम इस आशंका से इनकार नहीं कर सकते कि हमारे जवानों से कोई गलती नहीं हुई होगी ।
गृह मंत्री ने कश्मीर घाटी में मारे गए नागरिकों और पेलेट गन से घायल हुए नागरिकों की भी चर्चा की। कश्मीर में संसदीय टीम भेजने के सवाल पर राजनाथ ने कहा कि हालात सामान्य होने के बाद महबूबा मुफ्ता खुद दिल्ली आएंगी। मैं खुद भी वहां जाकर कश्मीर के लोगों से बातचीत करना चाहता हूं । कर्फ्यू के दौरान सरकार की ओर से जरूरी सामान पहुंचाया जा रहा है, कर्फ्यू में भी ढील दी जा रही है। कश्मीर में सरकार की ओर से मीडिया पर कोई पाबंदी नहीं लगाई गई थी। हिंसक घटनाओं को देखते हुए इंटरनेट पर कुछ रोक लगाई गई थी, जोकि अब पूरी तरह से हटा ली गई है।