नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने गुरुवार को इस बात से इनकार कर दिया कि सीबीआई की कार्यप्रणाली को वैधानिक मान्यता देने के लिए कोई अगल अधिनियम नहीं बनाने जा रही है। राज्यसभा में प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि सीबीआई के लिए अलग से अधिनियम बनाये जाने पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। श्री सिंह ने कहा कि केन्द्रीय जांच ब्यूरो अपनी कानूनी शक्तियां दिल्ली पुलिस स्थापना अधिनियम 1946, केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम, 2003 और लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 द्वारा यथा संशोधित अधिनियम से प्राप्त करती है।
उल्लेखनीय है कि एक संसदीय समिति ने सीबीआई को राष्ट्रीय स्तर पर निष्पक्ष जांच करने के लिए मौजूदा अधिनियमों को नाकाफी बताते हुए 2012 में अगल से अधिनियम लाए जाने की मांग की थी। श्री सिंह ने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने कुछ कदम उठाए हैं। सीबीआई निदेशक को अधिक से अधिक वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार दिये गये हैं। केन्द्र सरकार ने रिक्त पदों को शीघ्र भरने के लिए विभिन्न कदम उठाये हैं। सरकार ने सीबीआई के लिए अतिरिक्त 92 विशेष न्यायालयों की मंजूरी दी है जिनमें से 88 का परिचालन शुरु हो गया है। सीबीआई अपने अधिकारियों/कर्मचारियों को कौशल बढ़ाने के लिए ट्रेनिंग केन्द्रों में प्रशिक्षण देता है हाल ही में एक योजना के तहत सीबीआई अधिकारियों के लिए उन्नत प्रमाणित कोर्स शुरू किया गया है। सीबीआई के आधुनिकीकरण, प्रशिक्षण, बुनियादी सुविधाओं, आवास और काम के हालत में सुधार के लिए 309.52 करोड़ आवंटित किये गये हैं।