नई दिल्ली। कश्मीर के एक और युवा को सेना में महत्वपूर्ण पद मिला है। गुल जुनैद सीआरपीएफ में असिस्टेंड कमांडेंट बने हैं। वे कश्मीर घाटी के बारामूला के रहने वाले हैं। इन दिनों जहां कश्मीर के युवा हाथों में पत्थर लेकर घूम रहे हैं, वहीं जुनैद का यह कदम उनके लिए एक मिसाल बना है।जुनैद ने आतंक पर कहा कि हिंसा किसी चीज का हल नहीं है। मैं आज ये कहना चाहूंगा कि अगर हिंसा से कुछ हल होता तो बहुत दिन पहले ही सब कुछ हो जाता। बातचीत से ही हल होना है। उन्होंने घाटी के युवाओं से कहा कि वो अपने टैलेंट का इस्तेमाल अपने बेहतर भविष्य के लिए। कश्मीत में शांति की स्थापना के लिए एक जुट हों।उन्होंने कहा कि मैं युवाओं को कहूंगा कि कश्मीर जिस शांति और सद्भाव के लिए जाना जाता है वो नॉर्मल हो। देश का सभी नागरिक मिलकर शांति बनाने में मदद करे। उन्होंने मैं इस समय सीआरपीएफ में हूं और मुझे जो बताया जाता है वो हम देश के लिए करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी स्कूलिंग और पढ़ाई ऐसी हो पाई की हम आज इस पोजीशन में पहुंच पाए हैं। जब मैंने बारामूला से स्कूलिंग की थी, तब कुछ स्थिति नॉर्मल थी, शांतिपूर्वक पढ़ाई हुई। अब ऐसा नहीं है।बता दें कि इससे पहले उधमपुर के एक युवा नबील अहमद वानी ने बॉर्डर सिक्युरिटी फोर्स के असिस्टेंट कमांडेंट (वर्क्स) एग्जाम में ऑल इंडिया फर्स्ट रैंक हासिल की थी। उन्होंने भीजम्मू कश्मीर के भटके हुए युवाओं को एक नई राह दिखाई थी। नबील की साथी नौजवानों को सलाह दी थी कि खुद सपना देखो और उसे पूरा करो। मैं बचपन से ही देश की सेवा के लिए बीएसएफ को ज्वाइन करना चाहता था, मेरा सपना सच हो गया है।
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