जम्मू। घाटी में हिंसक प्रदर्शनों के दौरान प्रयोग में लाई जाने वाली पैलेट गन पर रोक लगाने संबंधित दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने अहम निर्णय सुनाते हुए प्लेट गन पर रोक लगाने से इंकार दिया। जम्मू-कश्मीर हाईकार्ट बार एसोसिएशन द्वारा प्लेट गन के प्रयोग पर रोक लगाने संबंधित याचिका दायर की थी। याचिका में बताया गया था कि 8 जुलाई को हिजबुल आतंकी बुराहन वानी की मौत के बाद घाटी में प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षाबलों द्वारा पैलेट गन का प्रयोग किया जाता रहा है, इस घातक हथियार से अब तक 50 से भी अधिक लोगों की मौत जबकि 4000 के करीब लोग घायल हो चुके हैं।
याचिका में बताया गया था कि घायल लोगों में से 100 से अधिक लोग अंधे हो चुके हैं। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया था कि सुरक्षा बलों द्वारा पैलेट गन का प्रयोग शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे लोगों पर किया जा रहा है, जो उनके अधिकारों का हनन है।पैलेट गन के स्थान पर सुरक्षाबलों को प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज,पानी की बौछार,रबर की गोलियां व ऐसे कम घातक हथियारों को अपनाया जा सकता है, जिससे आम नागरिक को जानी नुकसान न हो। याचिका में यह मांग की कि गन का प्रयोग नियंत्रण से बाहर होने के समय किया जाना चाहिए ताकि लोगों को कम चोटें आएं। बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एन. पाल वसंथकुमार और जस्टिस अली मोहम्मद मागरे ने दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद पाया कि कश्मीर में हिंसा के दौरान रोजाना सुरक्षा बलों व पुलिस कर्मियों की सम्पति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। गत दो माह से भी अधिक समय से जारी हिसंक प्रदर्शन प्रदर्शनों के दौरान घाटी में जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो चुका है। धारा 144 लागू होने के बावजूद लोग हिंसक प्रदर्शनों में शामिल होकर माहौल बिगाड़ाने का प्रयास कर रहे हैं। सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट ने पैलेट गन के प्रयोग पर रोक लगाने से इंकार कर दिया।