नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने आज पटना उच्च न्यायालय के उस फैसले के क्रियांवयन पर रोक लगा दी, जिसके तहत बिहार सरकार द्वारा राज्य में सभी प्रकार की शराब की बिक्री और सेवन पर लगाए गए प्रतिबंध को निरस्त कर दिया गया था।
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति उदय यू ललित की पीठ ने कुछ शराब निर्माताओं समेत सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी किए हैं। इन प्रतिवादियों की याचिका के आधार पर ही उच्च न्यायालय ने नीतीश कुमार सरकार के प्रतिबंध कानून को अवैध और असंवैधानिक करार दिया था। उच्चतम न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई अब आठ सप्ताह बाद करेगा।
बिहार सरकार ने उच्च न्यायालय के 30 सितंबर के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उसने राज्य में शराब की बिक्री और सेवन को प्रतिबंधित करने वाली अधिसूचना को खारिज कर दिया था।हालंांकि यह कानून निरस्त किए जाने पर, शराब की बिक्री और सेवन को प्रतिबंधित करने के लिए नीतीश सरकार दो अक्तूबर को गांधी जयंती के मौके पर एक नया कानून अधिसूचित कर दिया था।
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