नई दिल्ली ।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से देशवासियों को दीपावली, पटेल जयंती और गुरुपूर्व की शुभकामनायें दी और इस बार की दिवाली को देश की रक्षा कर रहे जवानों को समर्पित किया।
प्रधानमंत्री ने रेडियो के माध्यम से ‘मन की बात कार्यक्रम’ के 25वें संसकरण में रविवार को यहां कहा कि पिछले कुछ महीनों से, जो घटनायें आकार ले रही हैं, हमारे सुख-चैन के लिये हमारे सेना के जवान अपना सब कुछ लुटा रहे हैं। उनके भाव-विश्व पर सेना के जवानों की, सुरक्षा बलों के जवानों की, ये त्याग, तपस्या, परिश्रम, मेरे दिल-दिमाग पर छाया हुआ रहता है। यह दिवाली सुरक्षा बलों के नाम पर समर्पित हो।
उन्होंने कहा कि सेना के जवान सिर्फ़ सीमा पर नहीं, जीवन के हर मोर्चे पर खड़े हुए पाए जाते हैं। प्राकृतिक आपदा हो, कभी क़ानून व्यवस्था के संकट हों, कभी दुश्मनों से भिड़ना हो, कभी ग़लत राह पर चल पड़े नौजवानों को वापिस लाने के लिये साहस दिखाना हो – हमारे जवान ज़िंदगी के हर मोड़ पर राष्ट्र भावना से प्रेरित हो करके काम करते रहते हैं।
उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्होंने ‘जवानों को संदेश’ नामक अभियान चलाया । कल्पना नहीं कर सकते कि यह अभियान सुरक्षा-बल के जवानों का कितना हौसला बुलंद करने वाला रहा। आपका एक संदेश ताक़त के रूप में प्रकट हुआ है। उन्होंने अश्विनी कुमार चौहान की कविता और शिवानी का संदेश भी पढा जिसमें उन्होंने सेना के जवानों को नमन किया है।
प्रधानमंत्री ने देशवासियों को दीपावली की शुभकामनायें देते हुए कहा भारत के हर कोने में उत्साह और उमंग के साथ दीपावली का पर्व मनाया जाता है। भारत एक ऐसा देश है कि 365 दिन, देश के किसी-न-किसी कोने में, कोई-न-कोई उत्सव नज़र आता है। दूर से देखने वाले को तो कभी यही लगेगा कि जैसे भारतीय जन-जीवन, ये उत्सव का दूसरा नाम है, और ये स्वाभाविक भी है।
उन्होंने कहा कि बच्चों के माता-पिताओं और संरक्षकों से आग्रह है कि बच्चे जब पटाखे चलाते हों, बड़ों को साथ खड़े रहना चाहिए, कोई ग़लती न हो जाए, उसकी चिंता करनी चाहिए और दुर्घटना से बचना चाहिए ।
चाणक्य के बाद देश को एक करने का श्रेय सरदार वल्लभ भाई पटेल को देते हुए उन्होंने कहा कि 31 अक्टूबर सरदार वल्लभ भाई पटेल की जन्म-जयंती और श्रीमती गाँधी की पुण्यतिथि भी है। उन्होंने सिख विरोधी दंगों में मारे गए लोगों पर दुख जताते हुए कहा कि सरदार के ही जन्मदिन पर सरदारों के साथ ज़ुल्म, इतिहास का एक पन्ना, हम सब को पीड़ा देता है । उन्होंने कहा कि हर पीढ़ी का एक दायित्व है। हर सरकार की ज़िम्मेवारी है कि हम देश के हर कोने में एकता के अवसर खोजें, एकता के तत्व को उभारें। बिखराव वाली सोच, बिखराव वाली प्रवृत्ति से हम भी बचें, देश को भी बचाएँ। सरदार साहब ने हमें एक भारत दिया, हम सब का दायित्व है श्रेष्ठ भारत बनाना। एकता का मूल-मंत्र ही श्रेष्ठ भारत की मज़बूत नींव बनाता है।
उन्होंने कहा कि सरदार पटेल केवल संघर्ष करने वाले व्यक्ति नहीं थे वह संरचना तैयार करने वाले व्यक्ति भी थे। बहुत लोगों ने ‘अमूल’ का नाम सुना होगा। ‘अमूल’ के हर उत्पाद से आज हिंदुस्तान और हिंदुस्तान के बाहर भी लोग परिचित हैं। लेकिन बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि यह सरदार साहब की दिव्यदृष्टि थी।
गुरुनानक देव जयंती पर बधाई
गुरुनानक देव जयंती पर बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा प्रकाश उत्सव का पर्व है। गुरु नानक देव उनकी शिक्षा-दीक्षा पूरी मानव-जाति के लिये आज भी दिशादर्शक है। सेवा, सच्चाई और ‘सरबत दा भला’, यही तो गुरु नानक देव का संदेश था। ‘सबका साथ सबका विकास’ ‘प्रकाश-उत्सव’ आ रहा है, तब अन्तर्मन से प्रणाम करता हूँ।
प्रधानमंत्री ने दिवाली को एक स्वच्छता का अभियान बताते हुए कहा कि समय की माँग है कि सिर्फ़ घर में सफ़ाई नहीं, पूरे परिसर की सफ़ाई, पूरे मोहल्ले की सफ़ाई, पूरे गाँव की सफ़ाई, हमने हमारे इस स्वभाव और परम्परा को विस्तृत करना है, विस्तार देना है।
उन्होंने हिमाचल प्रदेश खुले में शौच से मुक्त होने पर राज्य को बधाई देते हुए आईटीबीपी के जवान का उदाहरण दिया जिन्होंने सिरमौर के अपने गांव को खुले में शौच मुक्त कराने के लिए सत्तावन हज़ार रुपये दिए थे। इसके अलावा उन्होंने केरल की एक जनजातीय पंचायत इडमालाकुडी का उदाहरण दिया जहां नज़दीक के शहरी इलाके के इंजीनियरिंग के छात्रों ने गाँव में शौचालय बनवाये। उन्होंने कहा कि एनसीसी, एनएसएस और इंजीनियरिंग के छात्र सबने मिलकर के तय किया कि हम शौचालय बनाएँगे। इसके अलावा उन्होंने गुजरात और हरियाणा का उदाहरण दिया जिनके कई जिले शौचमुक्त हुए हैं।
उन्होंने हरियाणा प्रदेश के कैरोसिन मुक्त होने की दिशा में किये जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि सरकार ने आधार की सहायता से पता लगाया कि गैस का चूल्हा और बिजली किन परिवारों के पास है और सात या आठ ज़िले कैरोसिन मुक्त कर दिए। उन्होंने कहा कि इससे कितना बड़ा बदलाव आयेगा, चोरी भी रुकेगी, पर्यावरण का भी लाभ होगा, हमारी विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी और लोगों की सुविधा भी बढ़ेगी।
इसके अलावा प्रधानमंत्री ने सरकारी योजनाओं का जिक्र किया और कहा कि ‘मिशन इन्द्रधनुष’ टीकाकरण का एक ऐसा अभियान, जो छूट गए हुए बच्चों को भी समेटने के लिए लगा है, जो बच्चों को गंभीर रोगों से मुक्ति के लिए ताक़त देता है। 21वीं सदी हो और गाँव में अँधेरा हो, अब नहीं चल सकता और इसलिये गाँवों को अंधकार से मुक्त करने के लिये, गाँव में बिजली पहुँचाने का बड़ा अभियान सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है। समय सीमा में आगे बढ़ रहा है। आज़ादी के इतने सालों के बाद, गरीब माँ, लकड़ी के चूल्हे पर खाना पका करके दिन में 400 सिगरेट का धुआं अपने शरीर में ले जाए, उसके स्वास्थ्य का क्या होगा। पांच करोड़ परिवारों को धुयें से मुक्त ज़िंदगी देने के लिये सफलता की ओर आगे बढ़ने की दिशा मे प्रयासरत हैं।
उन्होंने कहा कि छोटा व्यापारी, छोटा कारोबारी, सब्जी बेचनेवाला, दूध बेचनेवाला, नाई की दुकान चलानेवाला, साहूकारों के ब्याज के चक्कर में फँसा रहता था। मुद्रा योजना, स्टैंड अप योजना, जन-धन खाता, ये ब्याजखोरों से मुक्ति का एक सफल अभियान है। ‘आधार’ के द्वारा बैंकों में सीधे पैसे जमा कराना। हक़दार को, लाभार्थी को सीधे पैसे मिलें। सामान्य मानव की ज़िंदगी में ये बिचौलियों से मुक्ति का अवसर है।