सीकर। जिले में गिरी ओस से भूमि को आगामी रबी की फसल के अनुकूल नमी मिली है। खरीफ फसल की कटाई के बाद सिंचिंत क्षेत्र में भूमि की निराई गुड़ाई के बाद किसान आगामी रबी की फसल की तैयारी कर रहे थे।
इस बार भूमि की तैयारी के दौरान ही नमी मिलने से फसल के अंकुरण में सहूलियत मिलेगी। मौसम में आ रहा बदलाव भी आगामी रबी फसल के अनुकूल बन रहा है। दीपावली से पूर्व तक जहां गर्मी अपने पूरे तेवर दिखा रही थी वहीं दीपावली के दूसरे दिन से ही रात में हल्की ठंड के साथ साथ दिन में भी सूर्य की तपिश ठंडी होने लगी है।
किसान चने की फसल पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। खासकर चने के आसमान छूते भाव के कारण किसान इसे अच्छी कमाई मान कर अपनी भूमि को चने की फसल अनुकूल उर्वरक व सिंचाई के लिए तैयार कर रहे हैं।
जिले की परम्परागत रबी की बुवाई के अनुसार करीब पौने तीन लाख हेक्टेयर सिंचिंत क्षेत्र के साथ साथ खण्डेला व श्रीमाधोपुर तहसील क्षेत्र की दोपट मिट्टी के कारण असिंचिंत क्षेत्र में भी किसान चने की बुवाई करते हैं।
रबी फसल के दौरान एक मावठ होने अथवा ओस गिरने से बारानी भूमिहर किसान को भी अच्छी पैदावार का लाभ मिल जाता है। क्षेत्र के किसान बुवाई पूर्व पड़ी अच्छी ओस को आगामी रबी की फसल के लिए शुभ संकेत मान रहे हैं।