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संघ से नजदीकी रिश्ते ने बनाया वीसी

%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%b5लखनऊ। डा. सुरेंद्र प्रताप सिंह का आरएसएस से बहुत ही नजदीकी रिश्ता है। आरएसएस में उनकी शुरूआत गुरु दक्षिणा कार्यक्रम से हुई थी। बाद में उनका सीधा जुड़ाव अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के तत्कालीन प्रभारी एवं वर्तमान में बिहार के संगठन मंत्री नागेंद्र से हो गया। इसके अलावा अशोक बेरी, जो कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं, से अच्छी दोस्ती हो गई।

दोस्ती का आलम यह था कि विगत वर्ष नेशनल पीजी कालेज में आयोजित दो कार्यक्रमों में अशोक बेरी मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे हुए थे। बताया जा रहा है कि लखनऊ विश्वविद्यालय में वीसी के लिए जितने भी नाम गए थे उनमें डा. एसपी सिंह के नाम पर आरएसएस का दबाव था।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य अशोक बेरी से डा. सुरेंद्र प्रताप सिंह की पहचान उस समय हुई थी जब वह लखनऊ क्षेत्र प्रचारक थे और नागेंद्र एबीबीपी के प्रभारी थे। उसी समय से आरएसएस के अन्य पदाधिकारियों से एसपी सिहं का जुड़ाव हुआ और नेशनल पीजी कालेज आरएसएस के एक ब्रांच के रूप में भी जाना जाने लगा। क्योंकि आरएसएस के कई कार्यक्रम नेशनल पीजी कालेज में ही होने लगे।

दोनो पदाधिकारियों से प्रगाढ़ संबंध होने के बाद डा. एसपी सिहं की पहचान भाजपा के कद्दावर नेताओं में भी हुई। आरएसएस से संबंध का आलम यह था कि हर वर्ष नेशनल पीजी कालेज में आरएसएस का कोई न कोई कार्यक्रम होता है। 90 के दशक में जब डा. एसपी सिहं पर हमला हुआ तब आरएसएस और भाजपा के नेताओं ने एसपी सिंह की काफी मदद की।

 

 

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