चेन्नई। तमिलनाडु के तीन विधानसभा क्षेत्रों में 19 नवम्बर को हुए चुनावों में द्रमुक द्वारा अन्नाद्रमुक की जीत को ‘बनावटी जीत’ करार देने के एक दिन बाद सत्तारुढ दल ने पलटवार करते हुए कहा कि यह मुख्य विपक्षी दल के हठ को दिखाता है और लोगों का फैसला स्वीकार करने के बजाए वे बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं।
अन्नाद्रमुक ने कहा, ‘चुनाव परिणाम का सम्मान करने और स्वीकार करने के बजाए द्रमुक ने हमेशा की तरह आरोप-प्रत्यारोप शुरु कर दिया है और चुनाव आयोग पर भी कड़ी टिप्पणी की है जो द्रमुक के हठ और बडबोलेपन को दर्शाता है।’ पार्टी के मुखपत्र डॉ. नमाधु एमजीआर में सत्तारुढ़ दल ने कहा कि ऐसा कर ‘द्रमुक अपने धोखे को छिपाने का प्रयास कर रहा है’ और मिथेन खोज परियोजना का जिक्र किया जिसके लिए करुणानिधि के शासनकाल के दौरान 2011 की शुरुआत में सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए थे।
द्रमुक कोषाध्यक्ष एम. के. स्टालिन ने तत्कालीन उपमुख्यमंत्री के तौर पर मिथेन परियोजना के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए थे जिसका कावेरी डेल्टा क्षेत्र के किसानों ने कडा विरोध किया था। अन्नाद्रमुक के मुखपत्र ने 19 नवम्बर का चुनाव लडने वाले द्रमुक उम्मीदवारों की भी आलोचना की।