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राष्ट्रपति ने दिव्यांग जनों के सशक्तिकरण के लिए दिये 61 राष्ट्रीय पुरस्कार

rrrrrrrrrनई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने शनिवार को यहां दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए 61 राष्ट्रीय पुरस्कार 2016 प्रदान किये।

राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कहा कि आज का दिन इसलिए भी विशेष है क्योंकि आज पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद का जन्मदिन भी है।

उन्होंने कहा कि हमारे देश का संविधान सबको समानता प्रदान करता है लेकिन यथार्थ में ऐसा संभव नहीं हो पाता। ऐसे में समाज को सहायता प्रदान करनी चाहिए। उन्होंने निजी क्षेत्र से विशेष तौर पर दिव्यांग जनों की सहायता के लिए आगे आने का आग्रह किया।

राष्ट्रपति ने कहा कि हमें स्वास्थ्य की दिशा में काम करना होगा ताकि किसी अन्य कारण से दिव्यंगता न पनपे। उन्होंने मीडिया से भी ऐसे विषय उठाने को कहा जो दिव्यांग जन को आगे बढ़ने की प्रेरणा दें और लोगो में इसके प्रति जागरूकता पैदा करें।

दिव्यांगजन रोजगार को महत्व का विषय मानते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार इस दिशा में काम कर रही है और 2020 तक 5 लाख दिव्यांगजन के लिए रोजगार के अवसर सुलभ हों, सरकार इस पर काम कर रही है ।

उन्होंने देश के 50 शहरो के दिव्यांगजन के लिए ईमारतों में विशेष सुविधा दिए जाने की दिशा में काम करने की भी सराहना की। उन्होंने विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि सभी 61 विजताओं के खातों में 56 लाख रुपये की इनामी राशि पहुँच जायगी।

केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचन्द गहलोत ने कहा कि दिव्यांगजन विधेयक जो वर्तमान में संसद में पास होने जा रहा है दुनिया का सबसे सर्वहितैशी और सर्वव्यापी विधयेक होगा।

सरकार की पहल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमने 3 विश्व रिकॉर्ड बनाये हैं। 8 घण्टे में 3211 लोगों को हियरिंग मशीन मुहैया कराई। उन्होंने दिव्यांगजनों से मनोबाल ऊँचा रखने और समाज में आगे आकर भूमिका निभाने का अनुरोध किया।

सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री कृष्ण पाल गुज्जर ने कहा कि 1978 से शुरू हुए यह पुरस्कार पहले दो श्रेणी में दिए जाते थे लेकिन ‌अब यह पुरस्कार 14 श्रेणियों में दिए जाते है। उनकी सरकार द्वारा पिछले साल दिव्यांग जन कौशल विकास का कार्यक्रम शुरू किया गया।

दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग में सचिव एनएस कंग ने कहा कि हम उन लोगों का सम्मान करते है जिन्होंने अपनी कमियों से आगे बढ़ कर कुछ कर दिखाया है।

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