नई दिल्ली। भारत जल्द ही अपनी इंटरकॉन्टिनेंटल बलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का परीक्षण करने जा रहा है। यह टेस्ट करीब दो साल बाद होगा। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, टेस्ट के लिए तैयारियां आखिरी चरण में हैं। दिसंबर के अंत या जनवरी की शुरुआत में इसका परीक्षण संभव है।
ये मिसाइल 5000 से 5500 किलोमीटर की दूरी तक वार करने में सक्षम है। ये भारत की पहली भारतीय मिसाइल होगी जो एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप तक हमला कर सकेगी। इसका लॉन्च ओडिशा के वीलर आइलैंड से होगा। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि इस मिसाइल की जद में पूरा चीन होगा।
एक बार अग्नि-5 के सेना में शामिल होते ही भारत आईसीबीएम मिसाइलों वाले बेहद सीमित देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा। इन देशों में अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे देश शामिल हैं।
एसएफसी ने छोटी रेंज के पृथ्वी और धनुष मिसाइलों के अलावा अग्नि-1, अग्नि-2 मिसाइल को सेना में शामिल किया है। इन मिसाइलों का मुख्य मकसद पाकिस्तान की ओर से किसी भी गलत हरकत का माकूल जवाब देना है। वहीं, अग्नि-4 और अग्नि-5 जैसे मिसाइल चीन के खिलाफ रणनीतिक बढ़त हासिल करने में मददगार हैं।
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