लखनऊ। समाजवादी पार्टी में मुलायम सिंह और अखिलेश यादव के बीच जंग थमने का नाम नहीं ले रही है।
ये स्थिति सोमवार को अचानक पार्टी कार्याललय में पहुंचने और कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करने के लहजे साफ हो गया है।
पार्टी कार्यालय में अपरान्ह एक बजे के आसपास पार्टी कार्यालय पहुंचे और कार्यालय के बाहर से वह पहले शिवपाल सिंह के घर गए। वहां से पुन पार्टी कार्यालय में आए।
उन्होंने कार्यकर्ताओं को बुलाया और इस अवसर पर अखिलेश के समर्थक प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम को भी बूलाया और अपने साथ बैठाया तथा दूसरी तरफ दस के एक पुराने नेता को भी बैठाया। मीडिया के लोगों को कार्यालय से बाहर किया गया। इसके बाद मुलायम सिह ने अखिलेश यादव पर जमकर भडास निकाली।
मुलायम ने किया सपा कार्यकर्ताओं से सहयोग की अपील
मुलायम सिंह ने साफ कहा कि अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल के दौरान मुस्लिम विरोधी बताया और कहा कि उन्होंने अपने प्रत्याशियों की सूची में मुस्लिमों को प्रत्याशी नहीं बनाया है। मुलायम ने कहा कि अखिलेश को मुस्लिमों के हितों की रक्षा करने को कहा तो उन्होंने नहीं किया और प्रदेश के डीजीपी जावेद अहमद को बनाने की बात कही तो वह पन्द्रह दिनों तक बात करने नहीं आए।
वह किसी मुस्लिम को इस पद पर नहीं चाहते थे जिसका संदेश मुस्लिम विरोधी होने का गया। अखिलेश का नजरिया मुसलमान विरोधी रहा है। उन्होंने यहां तक कहा कि ऐसी स्थिति में उन्हें जरुरत पडेगी तो वे अखिलेश के खिलाफ चुनाव भी लड़ सकते हैँ।
उन्होंने कहा कि अखिलेश बलराम यादव, ओम प्रकाश सिंह्र नारद राय गायत्री प्रसाद प्रजापाति को मंत्रिमंडल से निकाल दिया यही नहीं एक मुस्लिम महिला मंत्री को भी निकाल दिया। उन्होंने कहा कि बलराम को दोबारा मैंने मंत्री बनवाया। उन्होंने कार्यकर्ताओं से साफ कहा कि अखिलेश रामगोपाल के कहने पर ही काम कर रहे हैं और राम गोपाल मेरे बेटे को मुझसे तथा पार्टी से अलग करने का काम कर रहे हैं।
अखिलेश राम गोपाल के इशारे पर ही काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अखिलेश को मैंने बुलाया तो वह बात करने नहीं आए। जब मैंने उन्हें उनके बीबी और बच्चों की कसम खिलाई तो वे मिलने आए लेकिन एक मिनट में ही उठकर चले गए।
उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि पार्टी मैंने बनाई हैं और हमने चुनाव आयोग में अपना पक्ष रख दिया है चुनाव आयोग मुझे ही चुनाव चिन्ह देगा। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग का फैसला ही मानेंगे। उन्होंने संकेत दिया कि यदि फैसला उनके विरोध में जाएगा तो वे कोर्ट भी जा सकते हैं।
परन्तु इसी दौरान एक व्यक्ति ने उन्हें इस बारे में बोलने से मना किया जिस पर वे कोर्ट जाने की बात खुलकर नहीं बोले। इस अवसर पर मीडिया के लोगों के होने की बात कहे जाने पर सभी मीडिया को बाहर कर दिया गया। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपीत करते हुए साफ कहा कि मेहनत से पार्टी बनायी है आप सभी लोग मेरा साथ दीजिए। मुलायम ने कहा कि उन्होंने पार्टी को बचाने के लिए हर कोशिश की किन्तु अखिलेश मान नहीं रहे हैं।
मुलायम के सम्बोधन के समय कई कार्यकर्ता रो रहे थे। इन कार्यकर्ताओं ने नेता जी से पार्टी को बचाने का आग्रह किया। इस पर मुलायम ने कहा कि अखिलेश बाप की नहीं चाचा की सुन रहा है। उन्होंने यहां तक कह डाला कि किसी ने अपने बेटे को राजनीति में इतनी बडी पोस्ट नहीं दी । मैंने सीएम बनाया। सब लोगों का विरोध था लेकिन मैंने जबरदस्ती अखिलेश को सीएम बनाया।
मुलायम ने कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करने के बाद पार्टी कार्यालय से निकले और अपने आवास पर गए। इस दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं मुलायम के समर्थन में जमकर नारे बाजी की। मुलायम के सम्बोधन करने और उनके जाने के बाद अनेक कार्यकर्ताओं में निराशा के भाव स्पष्ट रुप से दिख रहे थे।
अखिलेश के राष्ट्रीय अध्यक्ष की नेमप्लेट लगी
मुलायम सिंह यादव के पार्टी कार्यालय से निकल कर जाने के बाद अखिलेश समर्थकों ने पहली बार मुलायम सिंह यादव राष्ट्रीय अध्यक्ष की नेमप्लेट के नीचे अखिलेश यादव के राष्ट्रीय अध्यक्ष की नेमप्लेट लगा दी गयी। इसके पूर्व मुलायम सिंह शिवपाल के साथ पार्टी कार्यालय में गए थे तो उस समय शिवपाल सिंह यादव की नेम प्लेट लगवाई थी जिसे उसी दिन हटवा दी गयी थी। मुलायम सिंह की नेम प्लेट पहले से ही लगी थी किन्तु सोमवार को मुलायम जब पार्टी कार्यालय में गए और अखिलेश के खिलाफ कार्यकर्ताओं को सम्बोधन किया उसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद की नेम प्लेट अखिलेश यादव की लगा दी गयी। परन्तु फर्क यह रहा कि मुलायम सिंह यादव की नेम प्लेट हटायी नहीं गयी।