लखनऊ। महिला सशक्तिकरण की बात करने वाली भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में महिलाओं को सम्मानजनक सीटें न देकर सिर्फ आधी आबादी को गुमराहकर राजनैतिक लाभ उठाना चाहती है।
परंतु उनको ये लाभ मिलने वाला नहीं है, महिला सशक्तिकरण के लिए भाजपा लोकसभा में 35 प्रतिशत आरक्षण देने की बात करती है लेकिन उत्तर प्रदेश के चुनाव में घोषित 371 प्रत्याशियों में मात्र (9 प्रतिशत) अभी तक 38 टिकट आधी आबादी को दिया गया है।
स्वयं भाजपा चुनाव में महिलाओं का 35 प्रतिशत कोटा पूरा नहीं करती और लोकसभा में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण का बिल लाने की बात करना यह भी एक चुनावी शिगूफा है। यह बात अपना दल की ओर से जारी एक बयान में कही गई है।
अपना दल के प्रवक्ता आरबी सिंह पटेल ने कहा है कि महापुरूषों ने दलित, पिछड़ें, अल्पसंख्यक समाज को उठाने के लिए अपनी कुर्बानियां दी है। महिला सशक्तिकरण की बात करने वाली भाजपा के लिए अब महिला सशक्तिकरण की बात करना बेमानी है। भाजपा ने टिकट बटवारे में बड़े-बड़े वादे किये थे लेकिन महिलाओं को सम्मान जनक टिकट नहीं मिला।
भाजपा द्वारा अपनी बात को कहकर मुकरना उसके नेताओं की आदत में शुमार है। टिकट वितरण में आधी आबादी को अपमानित करने का काम किया गया है, उत्तर प्रदेश की महिलाएं भाजपा को चुनाव में सबक सिखाने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि शिगूफों से विकास और समाज को सम्मान नहीं मिलेगा। उसके लिए धरातल पर उतरकर समाज के विकास के लिए योजनाएं बनानी होगी।
केन्द्र में भाजपा की ढाई साल की सरकार में कोई भी विकास नहीं किया गया है। ‘‘सबका साथ, सबका विकास का नारा भी धोखा है, खोखला है।’’अब तक घोषित 371 प्रत्याशियों में से एक भी मुस्लिम को टिकट न देना यह दर्शाता है कि भाजपा धार्मिक उन्माद पैदा कर सिर्फ सत्ता हथियाती है। अपना दल पिछड़े, दलित व अनूसूचित जनजाति और मुस्लिम (अल्पसंख्यक) मुस्लिम महिलाओं को हर क्षेत्र में भागीदारी देना चाहता है।