इलाहाबाद। अखिलेश यादव सरकार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तगड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने मंगलवार को सरकार द्वारा 17 अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को अनुसूचित जाति (एससी) कैटेगरी में शामिल करने के फैसले पर रोक लगा दी है।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने दिया।
हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिया इन जातियों के जाति प्रमाणपत्र जारी करने पर तुरंत रोक लगाई जाए। साथ ही इस संबंध में सभी जिलों के डीएम को तत्काल सर्कुलर जारी करने का भी आदेश दिया है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपनी कैबिनेट की बैठक में प्रदेश में 17 ओबीसी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने पर मुहर लगा दी थी।
सरकार के इस फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी जिस पर हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार के इस फैसले पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने इस बाबत प्रमुख सचिव समाज कल्याण को निर्देश भी दिया है। कोर्ट ने कहा कि इन 17 जातियों को किसी भी कीमत पर अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र नहीं दिया जाएगा।
सरकार ने हाल में ओबीसी की कहार-कुम्हार, मांझी, गोंड, प्रजापति, राजभर सहित 17 जातियों को एससी कैटेगरी में शामिल करने का जीओ जारी किया था। गोरखपुर की एक संस्था ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें सरकार के आदेश को रद्द करने की मांग की गई थी।
याचिका में कहा गया कि सरकार को इस तरह के आदेश देने का अधिकार ही नहीं है, सिर्फ संसद में क़ानून बनाकर ही किसी जाति को एससी कैटेगरी में शामिल किया जा सकता है।