प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि जब कोई स्कैम में भी सेवा और नम्रता भाव देखता है तो धरती मां भी दुखी हो जाती है, इसलिए भूकंप आया है.
मोदी की इस टिप्पणी पर जोरदार हंगामा भी हुआ. दरअसल सोमवार रात दिल्ली और उत्तर भारत के की इलाकों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद देते हुए भूकंप को विपक्ष पर हमले से जोड़ दिया.
नरेंद्र मोदी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि पहले की सरकारें सावरकर, सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह के योगदान को नजरअंदाज करती थी क्योंकि उन्हें लगता था कि आजादी में एक ही परिवार का योगदान है.
बजट का समय बदलना जरूरी
नरेंद्र मोदी ने कहा कि 28 फरवरी को बजट पेश करने से उसे लागू करने में दिक्कत होती थी. उन्होंने कहा कि एक फरवरी को बजट पेश करने से उसे लागू करने में सहूलियत होगी.
खेती की दृष्टि से किसानों तक बजट का फायदा पहुंचाने के लिए एक फरवरी की तारीख को सही बताते हुए उन्होंने कहा कि परंपरा से हटने की जरूरत है.
भाषण की अन्य मुख्य बातें
- नोटबंदी के बाद कितना पैसा आया उसकी चर्चा होने लगी. पहले कितना गया ये चर्चा होती थी
- ये गरीबों के हक में है और मैं गरीबों के लिए काम करता रहूंगा
- भ्रष्टाचार की शुरुआत नकद से होती है, इससे कोई इनकार नहीं कर सकता
- इंदिरा के समय यशवंत राव चव्हाण ने ये विषय उठाया था.
- हमें चुनाव का डर नहीं है, हमें देश की चिंता है
- कुछ लोगों को लगता है कि जब अर्थव्यवस्था अच्छी चल रही थी तब ये फैसला क्यों हुआ. लेकिन सर्जरी से पहले डॉक्टर भी मरीज को स्वस्थ रखता है. इसी तरह नोटबंदी के लिए जरूरी था कि देश की अर्थव्यवस्था दुरुस्त हो.
- ऐसा मत सोचिए कि हड़बड़ी में होता है, इसके लिए मोदी का अध्ययन करना पड़ेगा आपको.
- दीवाली का समय हमेशा मुफीद होता है. इस समय कारोबार बहुत बढ़ जाता है और इसके बाद का समय सुस्ती का होता है. इसलिए ये समय चुना गया.
- कड़ा बेनामी कानून आ रहा है. लोग अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट से मिल लें जो गलत तरीके से संपत्ति जमा करा रहे हैं.
- 1100 से ज्यादा पुराने कानून हमने खत्म किए.
- जिन लोगों को सालों से लूटने की आदत थी, उन्हें रोकने का काम करना था.
- हमने कई नियम नोटबंदी के दौरान बदले क्योंकि हम तू डाल-डाल मैं पात-पात चल वाली लड़ाई चल रही थी.
- मनरेगा में 1035 बार नियम बदले गए. कांग्रेस अपने आईने में झांके. क्या कारण था कि मनरेगा में इतने बदलाव किए गए.