अमेरिका के कई असरदार थिंक टैंक ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से कहा है कि उन्हें पाकिस्तान को आंतकवादी राष्ट्र घोषित करने का विकल्प खुला रखना चाहिए.
व्हाइट हाउस को सौंपे गए रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका ने दशकों से पाकिस्तानी सेना को मजबूत बनाने में सहयोग किया है, लेकिन पाकिस्तान के भीतर मौजूद एक वर्ग इसका इस्तेमाल कश्मीर पर कब्जे के लिए करना चाहता है.
रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका को ये देखना चाहिए कि पाकिस्तान की नीतियां और दूसरे देशों के प्रति नजरिया किस ओर है. इसमें कहा गया है, अमेरिका पाक सेना को मदद या साजो सामान देकर उसके रूख में बदलाव लाने की उम्मीद छोड़ दे. ये एक सच्चाई है कि पाकिस्तान इस तरह की मदद के कारण अपनी नीतियां नहीं बदलेगा.
इस रिपोर्ट का नाम ” ए न्यू यूएस एप्रोच टू पाकिस्तान : इनफोर्सिंग एड कंडीशंस विदाउट कटिंग टाइज” रखा गया है. इसे लिखने में हुसैन हक्कानी ने मुख्य भूमिका निभाई है जो दक्षिण और मध्य एशिया के निदेशक हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है, अमेरिका को भारत-पाकिस्तान विवाद में नहीं पड़ना चाहिए. भारत में हमले करने वाले आतंकवादी गुटों को समर्थन देने वाले पाकिस्तान को कूटनीतिक स्तर पर अलग-थलग करने का प्रयास करना चाहिए. अमेरिका को चाहिए कि वो दोनों दक्षिण एशियाई देशों को बातचीत के लिए प्रोत्साहित करे.
रिपोर्ट लिखने वालों के मुताबिक पाकिस्तान पर नकेल कसने का मतलब ये नहीं है कि अमेरिका उसके साथ सारे रिश्ते खत्म कर ले. ये आतंक विरोधी लड़ाई पर असर डालेगा. पाकिस्तानी सरजमीं से भारत और अफगानिस्तान में आतंकी गतिविधियां संचालित होती हैं.
रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि अगर पाकिस्तान की सरजमीं से भारत पर कोई आतंकवादी हमला होता है तो ये लड़ाई में तब्दील हो सकता है जो घातक होगा क्योंकि दोनों देशों के पास परमाणु हथियार हैं.
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