चेन्नई। आय से अधिक संपत्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट से दोषी करार दिए जाने के बाद एआईएडीएमके महासचिव शशिकला 4 साल की सजा भुगतने के लिए बेंगलुरु जेल भले ही चली गई हों, लेकिन कोर्ट में सरेंडर करने से पहले अपने निकट संबंधियों टीटीवी दिनाकरन और एस वेंकटेश को बुधवार को फिर से पार्टी में शामिल कर लिया ताकि पार्टी पर उनका नियंत्रण बरकरार रहे सके।
शशिकला ने जे जयललिता की ओर से पार्टी से पांच साल पहले निष्कासित किए गए टीटीवी दिनाकरन और एस वेंकटेश को पार्टी में शामिल करने का फैसला किया। भ्रष्टाचार मामले में दोषी करार दिए जाने के एक दिन बाद शशिकला ने यह अहम कदम उठाया और घोषणा की कि पूर्व राज्यसभा सदस्य दिनाकरन को पार्टी का उपमहासचिव नियुक्त किया गया है। साथ ही, उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से उनका सहयोग करने को कहा।
शशिकला के इस कदम को पार्टी पर उनके पूर्ण नियंत्रण बनाए रखने के तौर पर देखा जा रहा है। बता दें कि साल 2011 में दिवंगत जे जयललिता ने शशिकला के इन दोनों भतीजों को निष्कासित कर दिया था। उनके पार्टी एवं सरकार के प्रशासन में हस्तक्षेप करने की रिपोटरें के मद्देनजर उन्हें पार्टी से निकाला गया था। लेकिन अब शशिकला न केवल उन्हें पार्टी में वापस ले आईं, बल्कि दिनाकरन को पार्टी में नंबर दो की हैसियत से स्थापित करते हुए उप-महासचिव का जिम्मा भी सौंप दिया।
कोर्ट के फैसले के बाद शशिकला के सीएम बनने का सपना भले ही टूट गया हो, लेकिन वह अन्नाद्रमुक पर वर्चस्व बनाए रखने की पूरी जुगत कर रही हैं। इसी क्रम में उन्होंने पार्टी से पांच साल पहले निष्कासित किए गए टीटीवी दिनाकरन और वेंकटेश को बुधवार को फिर पार्टी में शामिल कर लिया।
शशिकला मन्नारगुड़ी से संबंध रखती हैं। जयललिता के साथ करीबी बढ़ने के बाद धीरे-धीरे उनके परिवार का रुतबा भी बढ़ता गया। एक समय लोग इस परिवार को ‘मन्नारगुड़ी माफिया’ के नाम से भी पुकारने लगे थे।
गौर हो कि जयललिता ने 2011 में शशिकला और उनके पति एम नटराजन, दिनकरन और वेंकटेश के अलावा परिवार के अन्य सदस्यों को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। शशिकला की ओर से माफी मांगने के बाद सौ दिन में जयललिता ने उनकी वापसी करा दी थी, लेकिन अन्य से दूरी बना ली।
ऐसा माना जा रहा है कि इस समय पार्टी में हो रहे तमाम बड़े फैसलों के पीछे शशिकला के पति एम नटराजन की ही भूमिका है।
बता दें कि दिनकरन शशिकला की दिवंगत बहन वनितामनी के बेटे हैं। उन्हें चिन्नमा यानी शशिकला का दायां हाथ माना जाता है। दिनाकरन अन्नाद्रमुक के उस 12 सदस्यीय दल का हिस्सा थे, जिसने राज्यपाल चौधरी विद्यासागर राव से मुलाकात की थी और सरकार गठन का दावा किया था।
हालांकि, शशिकला ने सफाई देते हुए कहा कि दोनों की ओर से निजी तौर पर और पत्र के जरिए ‘माफी’ मांगे जाने के बाद उन्हें फिर से पार्टी में शामिल किया गया। शशिकला ने एक बयान में कहा कि दिनाकरन और वेंकटेश ने अपने कामों के लिए व्यक्तिगत रूप से और पत्र लिखकर माफी मांगी और उन्हें पार्टी में (फिर से) शामिल किए जाने का अनुरोध किया जिसके बाद उन्हें पार्टी में शामिल होने की अनुमति दी गई।