नई दिल्ली. सीबीआई ने आईपीएल क्रिकेट सट्टेबाजी प्रकरण में मामला दर्ज करने के 18 महीने बाद प्रवर्तन निदेशालय के पूर्व संयुक्त निदेशक जे पी सिंह को गिरफ्तार कर लिया। सिंह पर जांच में फायदा पहुंचाने के नाम पर आरोपियों से कथित तौर पर घूस लेने का आरोप है.
भारतीय राजस्व सेवा के वर्ष 2000 बैच के अधिकारी सिंह को तीन अन्य लोगों संजय :प्रवर्तन अधिकारी:, विमल अग्रवाल और चंद्रेश के साथ गिरफ्तार किया गया.
सितंबर 2015 में मामला दर्ज करने के फौरन बाद सीबीआई ने मुंबई में विभिन्न जगहों पर तलाशी अभियान चलाया और अहमदाबाद में सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया। सिंह को बाद में उनके मूल कैडर में वापस भेज दिया गया और फिलहाल वो पूर्वोत्तर में अतिरिक्त आयुक्त :सीमाशुल्क एवं आबकारी: के पद पर तैनात हैं.
चारों गिरफ्तार आरोपियों को यहां एक विशेष अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें 23 फरवरी तक ट्रांजिट हिरासत में भेज दिया गया जिससे उन्हें अहमदाबाद में सीबीआई अदालत के समक्ष पेश किया जा सके.
सीबीआई ने इससे पहले अपनी एफआईआर में कहा, ‘‘ये आरोप है कि प्रवर्तन निदेशालय के कुछ अधिकारियों ने सट्टेबाजी में घन शोधन और ऐसी दूसरी गतिविधियों की जांच के दौरान आरोपियों और संदिग्धों से कथित तौर पर भारी रिश्वत मांगी और स्वीकार भी की।”
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