नई दिल्ली। लोकसभा में फाइनेंस बिल, 2017 बिना किसी संशोधन के पास कर दिया। वहीं राज्यसभा के 5 संशोधनों के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इससे पहले बुधवार को सरकार को राज्यसभा में हार का सामना करना पड़ा था और विपक्ष इसमें पांच संशोधन जुड़वाने में कामयाब रहा था।
राज्यसभा में बहुमत नहीं होने के कारण केंद्र सरकार को शर्मिंदगी झेलनी पड़ी। बहुमत के दम पर विपक्ष वित्त विधेयक, 2017 में अपने पांच संशोधन जुड़वाने में कामयाब रहा।
पांचों संशोधन 27 से 34 वोटों के बड़े अंतर से पारित हुए। तृणमूल कांग्रेस के 10 सांसदों ने वोटिंग के दौरान वॉकआउट कर दिया था। करीब छह घंटे की चर्चा और संशोधनों के बाद विधेयक ध्वनिमत से पारित कर लोकसभा को लौटा दिया गया।
वित्त मंत्री अरुण जेतली ने राज्यसभा द्वारा किए गए संशोधनों के साथ विधेयक को आज सदन में पेश किया। इस पर संक्षिप्त चर्चा का जवाब देते उन्होंने कहा कि राज्य सभा द्वारा किए गए संशोधन स्वीकार करना ठीक नहीं है।
उन्होंने संशोधनों पर जवाब देते हुए कहा कि आयकर जांच से जुड़े मामले में जिस व्यक्ति पर कार्रवाई की जा रही है, उसे पहले जानकारी नहीं दी जा सकती। इस बारे में जानकारी न्यायालय को ही उपलब्ध कराना उचित होगा, इसलिए इसमें उच्च सदन द्वारा किए गए संशोधन को स्वीकार नहीं किया जा सकता।
वित्त मंत्री अरुण जेतली ने सरकार की सामाजिक कल्याण की योजनाओं का लाभ पाने के लिए आधार को अनिवार्य बनाए जाने के प्रयासों का मजबूती के साथ बचाव किया। जेतली ने कहा कि कर चोरी और धोखाधड़ी को रोकने के लिए यह जरूरी है। आधार पर उन्होंने कहा कि यह पिछली यूपीए सरकार की बड़ी पहल थी और एनडीए सरकार इसे आगे बढ़ा रही है।
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