नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने वित्त विधेयक 2017 को आज अपनी सहमति दे दी। इसके साथ ही दो लाख रपये से अधिक नकद लेनदेन पर रोक और आयकर रिटर्न दाखिल करते समय आधार नंबर का उल्लेख करने जैसे प्रावधान अमल में आ गये हैं।
राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने आज पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘राष्ट्रपति ने कल असम के अपने आधिकारिक दौरे पर जाने से पहले वित्त विधेयक को अपनी संस्तुति दे दी।
अधिया ने कहा कि इसके साथ ही वित्त विधेयक आज से प्रभावी हो गया है। यह पहली बार है कि कर के नये प्रावधानों के साथ पूरा बजट वित्तीय वर्ष की शुरआत से पहले प्रभाव में आ गया।
इसके साथ ही 2017-18 के बजट में किये गये कई नये प्रावधान भी वित्त वर्ष की शुरआत से ही अमल में आ गये हैं। इनमें जो एक महत्वपूर्ण प्रावधान किया गया है वह यह कि दो लाख रपये से अधिक के नकद लेनदेन पर रोक लगा दी गई है। अब दो लाख रपये से अधिक नकद लेनदेन नहीं किया जा सकेगा। अब तक स्थायी खाता संख्या :पैन: के उल्लेख के साथ यह लेनदेन किया जा सकता था।
अधिया ने कहा कि अब यदि दो लाख रपये से अधिक का नकद लेनदेन किया जाता है तो उसे उतना ही जुर्माना चुकाना होगा। यह जुर्माना नकद राशि प्राप्त करने वाले व्यक्ति अथवा प्रतिष्ठान को चुकाना होगा।
इसके साथ ही अब पैन के लिये आवेदन करते समय अथवा आयकर रिटर्न दाखिल करते हुये आधार नंबर का उल्लेख जरुरी कर दिया गया है। वित्त विधेयक में यह भी व्यवस्था दी गई है कि व्यक्ति को एक जुलाई 2017 की स्थिति के अनुसार सरकार को अपना आधार नंबर इस तरीके से बताना होगा कि सरकार उसे अधिसूचित कर सके।
वर्ष 2017-18 के लिये आयकर दरों में भी बदलाव किया गया है। वित्त मंत्री ने एक अप्रैल 2017 से शुरु हुये चालू वित्त वर्ष के लिये व्यक्तिगत आयकर की दर ढाई लाख से पांच लाख रपये की सालाना आय पर 10 से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी। आम नौकरी पेशा और निम्न आय वर्ग को इसका लाभ मिलेगा।