कोलकाता। सेंसर बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय ने नोटबंदी का आम आदमी पर पडे असर पर बनी बांग्ला फिल्म ‘‘शून्यता” के छह दृश्यों पर कैंची चलाने के लिए कहा है।
इसकी पुष्टि करते हुये फिल्म निर्देशक शुवेंदु घोष ने एक बड़ी एजन्सी को बताया कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड:सीबीएफसी: ने उनकी फिल्म में छह दृश्य काटने की सिफारिश की है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसका पालन करंगा।” सेंसर बोर्ड ने जिन दृश्यों पर कैंची चलाने का सुझाव दिया है उनमें अहम चरित्रों की नोटबंदी के प्रभावों पर ‘‘अंतिम संस्कार”, ‘‘बडी मछलियों” जैसी टिप्पणियां और एक मां-बेटी के बीच की कुछ टिप्पणियां शामिल हैं। सेंसर बोर्ड ने इन दृश्यों को हटाने या बीप के साथ इन दृश्यों को म्यूट रखने के लिए कहा है।
शुवेंदु ने कहा, ‘‘उन्होंने जो भी कहा है मुझे उसे स्वीकार करना है। मैं कामना करता हूं कि आम जनता मेरा काम देखें।” सीबीएफसी के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘सीबीएफसी के अध्यक्ष ने इस मामले पर फैसला लिया है। जांच समिति की सिफारिशों के अनुसार फिल्म को पास कर दिया गया है।
निर्देशक ने कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि इन सुझावों को मानने के बाद हमें यू:ए सर्टिफिकेट मिल जाएगा।” फिल्म निर्माताओं ने कहा कि अब पोस्टर का डिजाइन, पोस्ट प्रोडक्शन का काम नये तरीके से किया जाएगा और उसके अनुसार फिल्म रिलीज की जा सकती है।
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