लखनऊ। सत्ता संभालने के 20 दिन बाद प्रदेश की योगी सरकार ने बुधवार को सरकारी मशीनरी को ओवरहाल करना शुरू कर दिया। पूर्ववर्ती सरकारों में सत्ता का केंद्र बिंदु और विवादित रहे नौ अफसरों सहित 20 आईएएस अधिकारियों का तबादला कर दिया। इस फेरबदल में पिछली सपा और बसपा सरकार में सत्ता का केंद्र बिंदु रहे नवनीत सहगल, अनीता सिंह, रमा रमण जैसे नौ अफसरों को नई तैनाती न देकर प्रतीक्षा में रखा गया है। सत्ता के करीबियों का कहना है कि यह तो अभी शुरूआत है। काम की कसौटी पर खरे न उतरने वाले ऐसे तमाम अफसरों से जल्द ही महत्वपूण जिम्मेदारी ले जाएगी। इस फेरबदल में लखनऊ के कमिश्नर भुवनेश कुमार भी हटा दिए गए।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि प्रमुख सचिव धमार्थ कार्य, सूचना एवं पर्यटन विभाग, महानिदेशक पर्यटन एवं सीईओ, यूपीडा एवं उपसा तथा अपर स्थानिक आयुक्त उप्र नई दिल्ली नवनीत सहगल को सभी पदों से हटाकर प्रतीक्षारत कर दिया गया है। इसके सथान पर केंद्र सरकार की प्रतिनियुक्ति से लौटे अवनीश अवस्थी धमार्थ कार्य, सूचना एवं पर्यटन विभाग, महानिदेशक पर्यटन एवं सीईओ, यूपीडा एवं उपसा बनाया गया है। इसीतरह विवादों से घिरे प्रमुख सचिव अवस्थापना उवं औद्योगिक विकास तथा एनआरआई विभाग एवं अध्यक्ष नोएडा गौतमबुद्धनगर रमा रमण को भी सरकार ने प्रतीक्षारत कर दिया है।
इसी प्रकार पिछले पांच सालों से पंचत तल पर राज करने वाली अनीता सिंह को भी योगी सरकार ने प्रतीक्षा में रखा है। इनके पास अभी प्रमुख सचिव नागरिक उड्यन और राज्य सम्पत्ति विभाग का प्रभार था। इसी प्रकार खनन को लेकर हमेशा विवादों में रहे अपर मुख्य सचिव भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग डा. गुरदीप सिंह को हटा कर नयी तैनाती नहीं दी गई है। कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं को बंटने वाली पंजीरी को लेकर विवादों से घिरीं प्रमुख सचिव बाल विकास एवं पुष्टाहार डिम्पल वर्मा को भी प्रतीक्षारत कर दिया गया है। वहीं प्रतीक्षारत अनीता सी मेश्राम को सचिव बाल विकास एवं पुष्टाहार बनाया गया है।
सरकार ने इसी तरह सपा सरकार के विशेष कृपापात्र यूपी एसआईडीसी और उप्र लघु उद्योग निगम के एमडी एवं आयुक्त एवं निदेशक उद्योग अमित घोष को भी प्रतीक्षारत कर दिया गया है। आयुक्त एवं निदेशक हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग तथा एमडी केस्को कानपुर नगर रणवीर प्रसाद को वर्तमान प्रभार के साथ यूपी एसआईडीसी और उप्र लघु उद्योग निगम के एमडी एवं आयुक्त एवं निदेशक उद्योग का चार्ज दिया गया है। सचिव व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग तथा मंडलायुक्त लखनऊ को मंडलायुक्त के प्रभार से मुक्त करते हुए वर्तमान विभागों के साथ सचिव प्रावधिक शिक्षा विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। वहीं आयुक्त वाणिज्यकर एवं सचिव प्रावधिक शिक्षा मुकेश कुमार मेश्राम को सचिव प्रावधिक शिक्षा के प्रभार से अवमुक्त किया गया है।
वहीं सरकार ने प्रमुख सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास और एनआरआई विभाग एवे अध्यक्ष नोएडा गौतमबुद्धनगर जैसे महत्वपूर्ण विभाग में मेरठ के मंडलायुक्त आलोक सिन्हा को तैनात किया गया है। इसी तरह मुख्यमंत्री ने आबकारी आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण को सचिव मुख्यमंत्री बनाया है। नारायण के पास इसके अलावा सचिव नागरिक उड्यन, राज्य सम्पत्ति एवं संस्कृति और आयुक्त आबकारी का भी प्रभार रहेगा। वहीं सरकार ने सचिव संस्कृति और निदेशक संस्कृति डा. हरिओम को प्रतीक्षारत कर दिया।
योगी सरकार के इस फेरबदल में मुख्य कार्यपालक अधिकारी नोएडा एवं ग्रटर नोएडा दीपक अग्रवाल को भी हटा कर नयी तैनाती नहीं दी गई है तो गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विजय कुमार यादव को भी प्रतीक्षा में रखा है। निवेश आयुक्त अमित मोहन प्रसाद को वर्तमान पद के साथ मुख्य कार्यपालक अधिकारी नोएडा एवं ग्रटर नोएडा का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। इसी प्रकार पिछली सरकार के चहेते सचिव आवास एवं शहरी नियोजन पंधारी यादव और सचिव आमोद कुमार यादव को राजस्व परिषद इलाहाबाद में सदस्य (न्यायिक) बनाया गया है।