पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव भी इस समय बेटे अखिलेश यादव की राह पर हैं। उन्होंने भी जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा का हवाला देकर सरकारी आवास खाली करने के लिए दो साल की मोहलत मांगी है। साथ ही बंगला खाली करने तक बाजार दर पर किराया देने की पेशकश की है।
मुलायम सिंह यादव को बतौर पूर्व मुख्यमंत्री 1992 में 4, विक्रमादित्य मार्ग आवास आवंटित हुआ था। 25 वर्ष से अधिक समय से वह इसी बंगले में रह रहे हैं। इसी में रहते हुए वह दो बार प्रदेश के मुख्यमंत्री और देश के रक्षा मंत्री बने।
लोक प्रहरी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों के फैसले के बाद 17 मई को राज्य संपत्ति अधिकारी योगेश कुमार शुक्ला ने मुलायम सिंह को बंगला खाली करने के लिए नोटिस जारी किया था। मुलायम सिंह ने बुधवार को राज्य संपत्ति अधिकारी को पत्र भेजकर 4, विक्रमादित्य आवास खाली करने के लिए दो साल की मोहलत मांगी है।
उन्होंने वहीं कारण गिनाए हैं जो अखिलेश यादव ने दो वर्ष में बंगला खाली करने की अनुमति देने के लिए पत्र में लिखे हैं। उन्होंने कहा कि उनके पास राजधानी लखनऊ में कोई और आवास नहीं है। भारत सरकार से उन्हें जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिली है।
सीएम योगी से मिले थे मुलायम
बंगला बचाने के लिए मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से 16 मई को उनके कालिदास मार्ग स्थित आवास पर मुलाकात की थी। मुलायम सिंह ने अपने और अखिलेश यादव के सरकारी आवासों को क्रमश: नेता विरोधी दल विधानसभा और नेता प्रतिपक्ष (विधान परिषद) के नाम आवंटित करने का सुझाव दिया था। यह भी कहा था कि जेड प्लस सुरक्षा के चलते उन्हें आवास का आवंटन किया जा सकता है।