बिगड़े मौसम के मिजाज के बीच श्री अमरनाथ यात्रा के पहले दिन 1007 श्रद्धलुओं ने पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन किए। गुरुवार सुबह बारिश के चलते आधार शिविर नुनवान (पहलगाम) से श्रद्धालुओं का जत्था रवाना नहीं किया जा सका, जबकि बालटाल से सुबह रोके जाने के बाद दोपहर बारह बजे मौसम में सुधार के चलते 1350 श्रद्धालुओं ने यात्रा शुरू की, लेकिन कइयों को दोमेल से ही लौटना पड़ा।
पहलगाम से यात्रा शुरू न हो पाने के कारण चार हजार से ज्यादा श्रद्धालु वहां रुके हुए हैं। बालटाल में भी करीब दो हजार श्रद्धालु रोके गए हैं। मौसम के मिजाज को देखते हुए शुक्रवार सुबह पहलगाम व बालटाल से जत्था पवित्र गुफा की ओर भेजने का फैसला लिया जाएगा। उधर, जम्मू में आधार शिविर यात्री निवास भगवती नगर से तड़के हल्की बूंदाबांदी के बीच निकला 3434 श्रद्धालु का दूसरा जत्था शाम को बालटाल व पहलगाम पहुंच गया।
समुद्रतल से करीब 3888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित भगवान अमरनाथ की गुफा में सुबह जब हर हर महादेव के जयघोष के साथ घंटियों की आवाज गूंजी तो पूरा वातावरण शिवमय हो गया। पवित्र गुफा में राज्यपाल एनएन वोहरा ने प्रथम पूजा की, जिसके साथ ही यात्रा शुरू हो गई।
डरे नहीं, यात्रा में पुख्ता प्रबंध-
पवित्र गुफा में पूजा करने के बाद राज्यपाल ने वहां श्रद्धालुओं के लिए किए प्रबंधों का जायजा लिया। राज्यपाल ने श्रद्धालुओं को विश्र्वास दिलाया कि यात्रा में सुरक्षा समेत सभी प्रबंध किए गए हैं। डर की कोई बात नहीं है। उन्होंने यात्रा को सुरक्षित व सुखद बनाने के लिए सेना, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, पुलिस और नागरिक अधिकारी और अन्य सभी संबंधित एजेंसियों व श्राइन बोर्ड के अधिकारियों के प्रयासों को सराहा।
उन्होंने शिविर निदेशकों और तीर्थयात्रा के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए यात्रा के प्रबंधन में शामिल सभी को चौबीस घंटे निगरानी करने पर जोर दिया।
मौसम ने रोके कदम-
पहले दिन दर्शन करने की उम्मीद में करीब छह हजार श्रद्धालु बुधवार रात ही बालटाल और नुनवन स्थित आधार शिविरों में पहुंच गए थे। गुरुवार सुबह पांच बजे दोनों आधार शिविरों से किसी भी श्रद्धालु को पवित्र गुफा की तरफ जाने की इजाजत नहीं मिली, क्योंकि लगातार बारिश के चलते यात्रा मार्ग पर कई जगह फिसलन और भूस्खलन हुआ था।
संबंधित कैंप अधिकारियों ने हालात का जायजा लेते हुए तय किया कि यात्रा को सुबह आठ बजे रवाना किया जाए, लेकिन मौसम में कोई सुधार नहीं हुआ। इसके बाद पहलगाम से यात्रा को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया, लेकिन चंदनबाड़ी में पहले ही पहुंच चुके 59 यात्रियों को आगे जाने दिया गया।
दूसरी तरफ बालटाल के रास्ते दोपहर 12 बजे 1350 श्रद्धालुओं को मौसम में सुधार को देखते हुए आगे जाने की इजाजत दी गई। इनमें से कई लोग जब दोमेल पार कर गए तो मौसम फिर बिगड़ गया और जो वहां रुके थे, उन्हें संबंधित अधिकारियों ने आगे नहीं जाने दिया। यात्रा को बालटाल के रास्ते भी बंद कर दिया गया और दोमेल पहुंचे श्रद्धालुओं को बालटाल आधार शिविर लौटना पड़ा।
भूस्खलन से हाईवे पर अमरनाथ यात्री सहित सैकड़ों वाहन फंसे बारिश के कारण गुरुवार सुबह रामबन जिले में हुए भूस्खलन के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग करीब तीन घंटे बंद रहा। इसके बाद भारी जाम की वजह से हाईवे पर वाहनों की आवाजाही धीमी रही। इससे अमरनाथ यात्रा के दूसरे जत्थे में जम्मू से निकले वाहन भी घंटों फंसे रहे। भूस्खलन सुबह 7ः50 बजे रामबन के डिगडोल में हुआ।
दोनों तरफ के वाहन रोके जाने से अमरनाथ यात्रा का जत्था भी नाशरी टनल से रामबन में दाखिल होने के बाद फंस गया। इसके बाद हाईवे फोरलेन का काम कर रही कंपनी की मशीनें और कर्मचारी रास्ता खोलने में जुट गए। करीब तीन घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद मलबा हटा कर हाईवे को वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया।