व्यापार जगत में दुनिया की बड़ी रेटिंग एजेंसी मूडीज की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने से दुनियाभर की करेंसीज पर दबाव बढ़ रहा है, लेकिन इससे भारत की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी चिंता नहीं है. भारत उन पांच देशों में शुमार है जो डॉलर के मजबूत होने से सबसे कम जोखिम की स्थिति में हैं. हाल ही के महीनो में बड़े एशियाई देशों की करेंसी 8 फीसदी तक टूट चुकी है वही भारतीय रुपया सबसे निचले स्तर पर पहुंच चूका है . ये गिरावट फ़िलहाल थम गई है. एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 9 पैसे की मजबूती के साथ 68.70 के स्तर पर खुला. मूडीज ने भारत में इसका असर न होने की वजह का जिक्र करते हुए कहा है कि भारत, चीन, ब्राजील, मेक्सिको और रूस उन देशों में हैं जो मुद्रा के दबाव को लेकर सबसे कम जोखिम की स्थिति में हैं. मूडीज ने कहा कि बड़ी बचत के जरिये भारत जैसी अर्थव्यस्थाएं घरेलू स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं.
मूडीज ने कहा कि हालांकि, भारत का चालू खाते का घाटा (CAD) कच्चे तेल की कीमतों की वजह से बढ़ा है , लेकिन सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के प्रतिशत में बहुत ऊंचा नहीं है. इसकी भरपाई प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आदि के जरिये की जा सकती है. फ़िलहाल रुपये में गिरावट थम गई है पर इसके स्थिर रहने के आसार भी कम ही है.
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