चोटिल वॉशिंगटन सुंदर की जगह कृणाल पांड्‍या को इंग्लैंड के खिलाफ तीन टी20 मैचों की सीरीज के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया है। यह तीन मैचों की सीरीज मंगलवार से मैनचेस्टर में शुरू होगी। हार्दिक का तो इस सीरीज में खेलना तय है, यदि कृणाल को प्लेइंग इलेवन में शामिल कर लिया गया तो यह भारतीय क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व करने वाली भाइयों की नौवीं जोड़ी बन जाएगी। IND vs ENG: हार्दिक-कृणाल शामिल होंगे भाइयों के इस स्पेशल समूह में

24 वर्षीय हार्दिक पांड्‍या तो 2016 में अंतरराष्ट्रीय डेब्यू कर अभी तक 7 टेस्ट, 38 वनडे और 32 टी20 मैच खेल चुके हैं। उनके बड़े भाई 27 वर्षीय कृणाल आईपीएल और टी20 फॉर्मेट में शानदार प्रदर्शन करते रहे हैं। अब देखना है कि क्या उन्हें इंग्लैंड में भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौक मिल पाता है या नहीं। यदि उन्हें मौका मिला तो पांड्‍या ब्रदर्स भी भारतीय टीम की तरफ से खेले भाइयों की आठ जोडि़यों में अपनी जगह बना लेंगे। टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व कर चुकी भाइयों की पिछली जोड़ी पठान ब्रदर्स थे, इरफान और यूसुफ काफी समय तक टीम इंडिया का हिस्सा रहे। 

1. सीके नायडू और सीएस नायडू : होलकर टीम की पहचान रहे सीके नायडू को भारत का पहला कप्तान होने का श्रेय हासिल है। 1932 से 1936 के दौरान वे 7 टेस्ट मैच खेले।

सीएस नायडू : सीके नायडू से करीब 20 साल छोटे सीएस नायडू ने 11 टेस्ट मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। वे अपनी भाई की तरह सफल नहीं हो पाए, लेकिन फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उनका प्रदर्शन शानदार रहा। 

2. सैयद वजीर अली और सैयद नजीर अली : सैयद वजीर अली ने 1932 से 1936 के बीच 7 टेस्ट मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। वे बाद में पाकिस्तान शिफ्ट हो गए थे।

सैयद नजीर अली : वजीर अली के छोटे भाई नजीर ने 1932 के इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट डेब्यू किया था। वे 2 टेस्ट मैच खेले। 

3. अमर सिंह और लाढ़ा सिंह : भारत के तेज गेंदबाज अमर सिंह ने छोटे से करियर के दौरान दुनियाभर में पहचान बना ली थी। 7 टेस्ट मैच खेले इस गेंदबाज की तारीफ इंग्लैंड के महान खिलाड़ी लेन हटन ने भी की थी।

लाढ़ा सिंह : अमर सिंह के भाई लाढ़ा सिंह ने इंग्लैंड के खिलाफ 1933 में एकमात्र टेस्ट मैच मुंबई में खेला था। 

4. माधव आप्टे और अरविंद आप्टे : माधव आप्टे ने 1952 में पाक के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया। उन्होंने 7 टेस्ट मैचों में 542 रन बनाए। इसके बाद उन्हें आश्चर्यजनक ढंग से टीम से बाहर कर दिया गया।

अरविंद आप्टे : अरविंद अपने भाई माधव की तरफ प्रभावी प्रदर्शन नहीं कर पाए। उन्हें 1 टेस्ट खेलने का मौका मिला। 

5. सुभाष गुप्ते और बालू गुप्ते : लेगब्रेक गुगली गेंदबाज सुभाष गुप्ते ने 1952 से 1961 के बीच 36 टेस्ट मैचों में 149 शिकार किए। वे इसके बाद वेस्टइंडीज शिफ्ट हो गए थे।

बालू गुप्ते : बालू गुप्ते ने 1961 से 1965 के बीच 3 टेस्ट मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। 

6. एजी कृपाल सिंह और एजी मिल्खा सिंह : एजी कृपाल सिंह ने 1955 से 1964 तक 14 टेस्ट मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व कर 422 रन बनाए और 10 विकेट झटके।

एजी मिल्खा सिंह : एजी मिल्खा सिंह ने चार टेस्ट मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व् किया। 

7. मोहिंदर अमरनाथ और सुरिंदर अमरनाथ : भारत के पहले शतकवीर लाला अमरनाथ के बेटे सुरिंदर और मोहिंदर ने भारत का प्रतिनिधित्व किया। सुरिंदर ने 1976 से 1978 के बीच 10 टेस्ट मैचों में 550 रन बनाए। वे 3 वनडे भी खेले।

मोहिंदर अमरनाथ : भारत को 1983 विश्व कप खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले मोहिंदर सेमीफाइनल और फाइनल में मैन ऑफ द मैच थे। उन्होंने 69 टेस्ट में 11 शतकों की मदद से 4378 रन बनाए। उन्होंने 85 वनडे में 1924 रन बनाने के साथ ही 46 शिकार भी किए।

8. इरफान पठान और यूसुफ पठान : बड़ौदा के ऑलराउंडर इरफान पठान ने 2003 में अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया। 33 वर्षीय इरफान ने 29 टेस्ट मैचों में 1105 रन बनाने के साथ 100 विकेट भी लिए। उन्होंने 120 वनडे में 173 शिकार किए। उन्होंने 24 टी20 मैचों में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने अपना अंतिम अंतरराष्ट्रीय मैच 2 अक्टूबर 2012 को खेला था।

यूसुफ पठान : इरफान के बड़े भाई यूसुफ सीमित ओवरों के फॉर्मेट में ज्यादा सफल रहे। उन्होंने 57 वनडे और 22 टी20 मैचों में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व किया। तूफानी बल्लेबाजी करने वाला यह ऑलराउंडर टी20 क्रिकेट में बहुत सफल साबित हो रहा है।