सोमवार के कारोबार में डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया कमजोरी के साथ खुला है। एक डॉलर के मुकाबले रुपया 6 पैसे गिरकर 68.59 के स्तर पर खुला है। डॉलर इंडेक्स में आई मजबूती का कारण निर्यातकों की ओर से अमेरिकी कंरसी की हालिया खरीदारी है।
व्यापारियों का मानना है कि दुनिया की अन्य मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती आई है। इसकी वजह निर्यातकों की ओर से यूएस कंरसी की हालिया मांग है। इसके चलते निवेशकों का रुझान प्रभावित हुआ है। इसके अलावा भारत का व्यापार घाटा 3.5 वर्ष के उच्चतम स्तर यानी कि 16.6 बिलियन डॉलर का हो गया है। इसकी प्रमुख वजह कच्चे तेल का महंगा आयात है जिसने भारतीय रुपये पर दबाव बनाया है।
जानकारी के लिए बता दें कि शुक्रवार के सत्र में रुपया चार पैसे की बढ़त के साथ 68.53 के स्तर पर रहा था। करीब 12.30 बजे डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 10 पैसे गिरकर 68.10 के स्तर पर कारोबार कर रहा है।
निर्यात में हुई जोरदार वृद्धि लेकिन व्यापार घाटा भी बढ़ा
इस साल जून में निर्यात 17.57 प्रतिशत वृद्धि के साथ 27.7 अरब डॉलर हो गया। हालांकि चिंता की बात यह है कि भारत का व्यापार घाटा बढ़कर 16.6 अरब डॉलर हो गया है, जो पिछले माह में सर्वाधिक है। व्यापार घाटे में यह वृद्धि कच्चे तेल का आयात अधिक होने की वजह से हुई है। वैसे संतोष की बात यह है कि जून में सोने के आयात में लगभग तीन प्रतिशत की गिरावट आयी और यह 2.38 अरब डॉलर का रहा।
वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार जून में आयात में 21.31 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और आयात 44.3 अरब डॉलर रहा है। जून में तेल आयात में 56.61 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 12.73 अरब डॉलर का रहा।व्यापार घाटा नवंबर 2014 के बाद उच्चतम स्तर पर है। उस समय व्यापार घाटा 16.86 अरब डॉलर था। एक साल पहले जून 2017 में व्यापार घाटा 12.96 अरब डॉलर था।