नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी ने उप-राष्ट्रपति वैंकैया नायडू द्वारा दिए गए भोज के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. कांग्रेस पार्टी से जुड़े सूत्रों के अनुसार पार्टी ने यह फैसला राफेल डील पर पार्टी को अपना पक्ष न रखने देने की वजह से लिया है. खास बात यह है कि वैंकैया नायडू ने हरिवंश जी के उप-सभापति चुने जाने की खुशी में यह भोज रखा है.
गौरतलब है कि उप-राष्ट्रपति ने शुक्रवार को सभी पार्टियों को भोज पर आमंत्रित किया था. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि राज्यसभा में जिस तरह से पार्टी को राफेल डील पर अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया इससे हमें खासी नाराजगी है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में किसी को बोलने से कैसे रोक सकते हैं.
उन्होंने बताया कि भोज मे शामिल न होकर पार्टी यह बताना चाहती है कि वह इस तरह के रवैये से खासी दुखी है. गौरतलब है ककि राज्यसभा में राफेल डील पर बोलने के लिए जब कांग्रेस के नेताओं ने समय मांगा तो उस समय वैंकैया नायडू ने उन्हें समय नहीं दिया और साथ ही उनके माइक की आवाज भी कुछ देर के लिए बंद करवा दी. इसी दौरान उन्होंने दो बिल को सदन की मंजूरी भी दी.
कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि उन्होंने इन बिल को पास कराने के लिए हमेशा ही सरकार का साथ दिया. गौरतलब है कि यह कोई पहला मौका नहीं है विपक्ष ने राज्यसभा में कार्रवाई के दौरान भेदभाव की शिकायत की हो. पिछले सप्ताह ही कांग्रेस नेताओं ने नायडू को एक पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि उनकी शिकायत ली जाए.
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