विवादों के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) लौटे कुलपति प्रो. रतन लाल हांगलू का विरोध लगातार जारी है। बृहस्पतिवार को कुलपति जैसे ही दफ्तर पहुंचे, छात्र बाहर धरने पर बैठ गए। छात्रों ने कहा कि कुलपति को दफ्तर से बाहर नहीं जाने देंगे। इस पर पुलिस छात्रों को वहां से उठाकर पुलिस लाइन ले गई। इसके बाद कुलपति भारी सुरक्षा के बीच कार्यालय से निकल गए। उधर, छात्रों को दो घंटे तक पुलिस लाइन में रखे जाने के बाद छोड़ दिया गया।
कुलपति प्रो. बृहस्पतिवार सुबह जैसे ही दफ्तर पहुंचे, वहां छात्र-छात्राओं की भीड़ नारेबाजी करते हुए इकट्ठा हो गई। छात्रों ने कुलपति कार्यालय का घेराव शुरू कर दिया और ‘कुलपति वापस जाओ’ के नारे लगाने लगे। सुबह दस से दोपहर ढाई बजे तक छात्र वहीं डटे रहे। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रोहित मिश्र, दिनेश यादव और ऋचा सिंह ने कहा है कि विश्वविद्यालय की छात्राओं की सुरक्षा सबसे अहम मुद्दा है और ऐसे कुलपति के नेतृत्व में छात्राओं की सुरक्षा खतरे में है। गंभीर आरोपों से घिरे कुलपति को विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश नहीं करना चाहिए था। छात्र नेताओं ने कुलपति के समर्थन में खड़े कुछ शिक्षकों से भी आग्रह किया है कि अब तो संभल जाएं और विश्वविद्यालय की गरिमा से खिलवाड़ करने वाले कुलपति को यहां से हटाने के लिए छात्रों का सहयोग करें। छात्रों ने कहा कि कुलपति अगर परिसर में शांतिपूर्ण माहौल चाहे हैं तो खुद हाई पावर कमेटी के गठन की मांग करें और जांच पूरी होने तक नैतिक आधार पर इस्तीफा दें।
कुलपति दफ्तर के सामने धरने पर बैठे छात्र नेताओं ने कहा कि वीसी भले ही सबसे नजरें बचाते हुए अपने दफ्तर पहुंच गए लेकिन अब उन्हें बाहर नहीं जाने दिया जाएगा। छात्रों की इस चेतावनी के बाद दो ढाई बजे के आसपास एसपी के नेतृत्व में वहां भारी पुलिस फोर्स पहुंच गई। लाठियां पटककर छात्रों की भीड़ को वहां से हटाया गया और इसके बाद कई छात्र नेताओं को हिरासत में लेकर पुलिस लाइन ले जाया गया। इसके बाद कुलपति भारी सुरक्षा के बीच विश्वविद्यालय से निकल गए। छात्रों को दो घंटे बाद रिहा कर दिया गया। इस दौरान छात्र नेता अभिषेक यादव, आनंद सिंह निककू, नेहा शुक्ला, निर्भय द्विवेदी, चंद्रशेखर चौधरी, अरविंद सरोज, चंद्रजीत सिंह, शेखर विकम सिंह, सूर्य प्रकाश मिश्र, नवीन पाठक, अंकित यादव, सुशील भारती, प्रवीण तिवारी आदि शामिल रहे।
कुलपति और उनका समर्थन कर रहे इविवि के कुछ शिक्षकों के खिलाफ बुधवार रात इविवि परिसर में जगह-जगह स्लोगन लिखवा दिए गए थे। स्लोगन के जरिये मांग की गई थी कि कुलपति विश्वविद्यालय से वापस जाएं। बृहस्पतिवार सुबह छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय पहुंचे तो परिसर में जगह-जगह लिखे स्लोगन चर्चा का विषय बने रहे। हालांकि कुछ देर बाद ही इविवि प्रशासन की ओर से दीवारों पर लिखे गए स्लोगन हटा दिए गए।