इनामी छात्रनेता अच्युतानंद उर्फ सुमित शुक्ला हत्याकांड में रविवार को एक चौंकाने वाली बात सामने आई। आरोपियों से पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला है कि हत्या के बाद आरोपी हॉस्टल के ही एक छात्र को पिस्टल थमाकर भागे थे। भागने में उनकी मदद कटरा निवासी युवक ने की थी। पुलिस ने दोनों से ही पूछताछ की है। साथ ही पिस्टल की बरामदगी के प्रयास किए जा रहे हैं।
अच्युतानंद की हत्या 31 अक्तूबर को पीसीबी हॉस्टल में उस वक्त कर दी गई थी जब वहां एक पार्टी चल रही थी। हत्या में सीएमपी छात्रसंघ अध्यक्ष आशुतोष त्रिपाठी, हरिकेश मिश्रा व सौरभ उर्फ प्रिंस को नामजद किया गया है। तीनों इस समय पुलिस की हिरासत में हैं और उनसे लगातार पूछताछ हो रही है। तीन दिनों की पूछताछ में यह बात सामने आई है कि आशुतोष रोज-रोज की गालीगलौच से तंग आ चुका था।
उस दिन भी अपमानित किए जाने पर उसने अच्युतानंद को गोली मार दी। रविवार को भी दिन भर अफसर तीनों से पूछताछ में जुटे रहे।
सूत्रों के मुताबिक आरोपियों ने पूछताछ में यह बताया है कि भागते वक्त उन्होंने पिस्टल हॉस्टल के ही एक छात्र को दे दी थी। इसके बाद पुलिस ने उस छात्र से पूछताछ की। सूत्रों की मानें तो देर रात तक पुलिस पिस्टल बरामदगी के प्रयास में जुटी रही।
उधर, पूछताछ के दौरान आरोपियों से यह भी पता चला है कि कटरा में रहने वाले अनूप यादव ने भागने में उनकी मदद की। उसके जरिए ही तीनों मौके से भागने में कामयाब हो सके। पुलिस ने उस युवक से भी रविवार को घंटों पूछताछ की। फिलहाल यह नहीं पता चल सका है कि मददगार और पिस्टल ठिकाने लगाने वाले युवक को भी पुलिस मामले में आरोपी बनाएगी या नहीं। उधर, पिछले दो दिनों की तरह ही रविवार को भी पुलिस अफसर इस मामले में कुछ बोलने से इंकार करते रहे।
तीसरे दिन भी नहीं दिखाई गिरफ्तारी
पुलिस ने रविवार को भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं दिखाई। तीनों आरोपियों को बृहस्पतिवार रात नेपाल बार्डर से पकड़ने के बाद नैनी में तैनात सिपाही उसे लेकर शुक्रवार सुबह शहर पहुंचा था। इसके बाद आरोपियों को कैंट थाने स्थित इंट्रोगेशन रूम में रखकर पुलिस पूछताछ करती रही। शनिवार को कुछ छात्र कैंट थाने पहुंचे तो पुलिस तीनों आरोपियों को वहां से हटाकर गोपनीय स्थान पर ले गई, जहां उनसे रविवार को भी पूछताछ होती रही।