लखनऊ। सुभासपा (SBSP) ने आरक्षण के मुद्दे पर उपवर्गीकरण के पक्ष में स्पष्ट रूप से अपनी आवाज उठाई है। पार्टी के राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता अरुण राजभर ने एक बयान जारी कर सर्वोच्च न्यायालय के 1 अगस्त 2024 के फैसले का स्वागत किया, जिसमें ओबीसी और दलित वर्ग के लिए उपवर्गीकरण का समर्थन किया गया है।
हरियाणा सरकार के फैसले का समर्थन
सुभासपा ने हरियाणा सरकार द्वारा SC/ST वर्ग में उप-वर्गीकरण लागू करने के फैसले का समर्थन किया है। पार्टी का कहना है कि आरक्षण का लाभ उन वंचित वर्गों तक पहुंचाने के लिए यह जरूरी है, जो आजादी के 75 साल बाद भी सामाजिक न्याय से दूर हैं।
सामाजिक न्याय की आवश्यकता
अरुण राजभर ने कहा, “सामाजिक न्याय देने के लिए ओबीसी और दलित आरक्षण में उप-वर्गीकरण होना बहुत जरूरी है।” उन्होंने यह भी कहा कि ओबीसी और दलित वर्ग के ऐसे व्यक्ति जो अपने हक और अधिकारों से वंचित रह गए हैं, उन्हें उनका हक दिलाने के लिए सभी राजनीतिक दलों को जिम्मेदारी लेनी होगी।
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यूपी में उप-वर्गीकरण की मांग
सुभासपा ने उत्तर प्रदेश में भी हरियाणा की तर्ज पर आरक्षण में उप-वर्गीकरण लागू करने की मांग की है। पार्टी का स्पष्ट मत है कि आरक्षण में वर्गीकरण का विरोध अस्वीकार्य है और यह सुनिश्चित करने के लिए सभी दलों को एकजुट होकर काम करना चाहिए।
अरुण राजभर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, और ओम प्रकाश राजभर के नेतृत्व में समाज के हर वर्ग के उत्थान के लिए सुभासपा समर्पित है। पार्टी का लक्ष्य है कि हर व्यक्ति को उसके अधिकार मिलें और सामाजिक न्याय सुनिश्चित हो।
सुभासपा का यह कदम आरक्षण नीति को अधिक प्रभावी बनाने और समाज के वंचित वर्गों को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। पार्टी के इस समर्थन से उम्मीद की जा रही है कि अन्य राजनीतिक दल भी इस मुद्दे पर आगे आएंगे और सामाजिक न्याय के लिए एकजुटता दिखाएंगे।