लखनऊ – उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने लखनऊ में एक बड़ी सफलता प्राप्त करते हुए महाराष्ट्र के ठाणे जिले की पुलिस कस्टडी से फरार एक अपराधी को गिरफ्तार किया। अभियुक्त का नाम प्रिंस कैलाश विश्वकर्मा है, जो लखनऊ के तकरोही, इंदिरा नगर का निवासी है। उसे ठाणे पुलिस द्वारा अवैध पिस्टल तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन पुलिस कस्टडी से फरार हो गया था।
गिरफ्तारी की जानकारी:
एसटीएफ की टीम ने प्रिंस कैलाश विश्वकर्मा को 9 नवंबर 2024 को शाम करीब 9:10 बजे लखनऊ के इंदिरा नगर क्षेत्र स्थित ‘टिक टॉक चाय की दुकान’, सब्जी मंडी, तकरोही से गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी ठाणे पुलिस द्वारा फरार अपराधी की तलाश में एसटीएफ से सहायता मांगने के बाद संभव हो पाई।
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मामले की पृष्ठभूमि:
प्रिंस कैलाश विश्वकर्मा को पहले 5 नवंबर 2024 को ठाणे जिले के चितलसर मानपाड़ा थाना क्षेत्र में गिरफ्तार किया गया था, जब वह दो अवैध पिस्टल के साथ पकड़ा गया था। उसके खिलाफ महाराष्ट्र में मु0अ0स0 909/2024 धारा 3/25 आर्म्स एक्ट और धारा 37(1), 135 महाराष्ट्र पुलिस एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। उसे पुलिस कस्टडी में लिया गया था, लेकिन 6 नवंबर 2024 की रात को शौचालय जाते समय वह कस्टडी से फरार हो गया।
गिरफ्तारी में एसटीएफ का योगदान:
एसटीएफ ने जानकारी जुटाने के बाद अभियुक्त को लखनऊ में गिरफ्तार किया। इस ऑपरेशन का नेतृत्व एसटीएफ के पुलिस उपाधीक्षक श्री विमल कुमार सिंह और निरीक्षक ज्ञानेन्द्र कुमार राय ने किया। टीम में उपनिरीक्षक रिजवान, उमाशंकर और अन्य स्टाफ सदस्य भी शामिल थे। गिरफ्तारी के दौरान, महाराष्ट्र पुलिस के उनि पंकज लहाने भी टीम के साथ मौजूद थे, क्योंकि वह इस मामले के विवेचक हैं।
अभियुक्त का बयान
पूछताछ में, प्रिंस कैलाश ने बताया कि वह अवैध पिस्टल की तस्करी के काम में लिप्त था। उसके दोस्त साजन कुमार उर्फ दीपक ने उसे यह पिस्टल प्रदान की थी, और वह इन्हें महाराष्ट्र ले जाकर डिलीवर करने गया था। उसे ठाणे पुलिस ने पकड़ा, लेकिन कस्टडी से फरार हो गया और लखनऊ में छिपकर रह रहा था। उसने यह भी बताया कि साजन कुमार उर्फ दीपक को भी महाराष्ट्र में पुलिस ने पकड़ा था, जहां वह भी अवैध पिस्टल सप्लाई कर रहा था।
अग्रिम विधिक कार्यवाही
अभियुक्त को लखनऊ के थाना इंदिरा नगर में दाखिल किया गया है और आगामी विधिक कार्यवाही के लिए महाराष्ट्र पुलिस को सौंपा जाएगा। महाराष्ट्र पुलिस के द्वारा मामले की आगे की जांच की जा रही है, जिसमें अभियुक्त के अन्य साथी और तस्करी के नेटवर्क की जांच की जाएगी।
यह घटना उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र पुलिस के बीच समन्वय और सहयोग का एक अच्छा उदाहरण है, जहां दोनों राज्यों की पुलिस ने मिलकर कुख्यात अपराधी को पकड़ने में सफलता हासिल की।