लखनऊ – लखनऊ में एक रोडवेज बस में चलती बस में गाली-गलौच और मारपीट का मामला सामने आया है। इस घटना में एक पैसेंजर और बस के कंडक्टर के बीच तीखी नोक-झोंक के बाद लात-घूसे चले, जिससे बस को बीच सड़क पर रोकना पड़ा। यह घटना देर रात लखनऊ के कृष्णा नगर इलाके में हुई।
घटना का विवरण
लखनऊ से कानपुर-उन्नाव डिपो की (UP-78 FN-1732) रोडवेज बस रात के समय यात्रा कर रही थी। बस जैसे ही कृष्णा नगर पहुंची, एक पैसेंजर ने बस में चढ़ाई की। कंडक्टर ने जैसे ही पैसेंजर से टिकट के पैसे मांगे, तो उसने दावा किया कि उसके पास पास है। कंडक्टर ने पास चेक किया तो पता चला कि वह पास 2022 का था, जो अब अमान्य था।
इसके बाद पैसेंजर ने खुद को बस स्टाफ का सदस्य बताते हुए स्थिति को और बढ़ा दिया। इस पर कंडक्टर ने उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन दोनों के बीच गाली-गलौच शुरू हो गई, और देखते ही देखते मामला हाथापाई तक पहुंच गया।
मारपीट और बस रोकने की घटना
गुस्से में आकर कंडक्टर ने पैसेंजर की पिटाई शुरू कर दी। कई यात्रियों ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, लेकिन मामला और बढ़ गया। स्थिति इतनी बिगड़ी कि कंडक्टर ने पैसेंजर को बस से नीचे उतार दिया। इस दौरान, बस को बीच सड़क पर रोकना पड़ा, जिससे यात्री भी सकते में आ गए। अन्य यात्री किसी तरह से इस झगड़े से बचने के लिए बस में बैठे रहे, और कुछ यात्रियों ने खुद आगे बढ़कर मामले को शांत किया।
यात्री और कंडक्टर के बीच संघर्ष
सूत्रों के अनुसार, कंडक्टर और पैसेंजर के बीच पहले सामान्य विवाद हुआ, लेकिन जब पास की वैधता को लेकर बहस बढ़ी, तो यह लड़ाई में बदल गई। कंडक्टर ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए पैसेंजर को बस से उतारने का निर्णय लिया, जबकि पैसेंजर ने खुद को बस का कर्मचारी बताकर स्थिति को और बिगाड़ने की कोशिश की। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान बस में सवार अन्य यात्रियों को भी परेशानी हुई और कुछ ने इस झगड़े में हस्तक्षेप किया।
बस सेवा पर असर
इस घटना के बाद से रोडवेज बस सेवा पर भी असर पड़ा। यात्रियों में इस घटना को लेकर आक्रोश था, और कई लोग इस प्रकार के झगड़ों से चिंतित थे। हालांकि, यह घटना बिना किसी बड़े नुकसान या घायल हुए खत्म हो गई, लेकिन इससे यह साफ है कि कुछ असामाजिक तत्वों के कारण बस यात्रा में सुरक्षा और शांति की स्थिति में सुधार की आवश्यकता है।
कंडक्टर और पैसेंजर के खिलाफ कार्रवाई
इस मामले के बाद, रोडवेज प्रशासन ने घटना की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है। कंडक्टर और पैसेंजर दोनों के खिलाफ कार्रवाई के संकेत मिले हैं। फिलहाल, रोडवेज विभाग इस घटना पर नजर रखे हुए है और जल्द ही मामले में आगे की कार्रवाई करेगा।
यह घटना एक महत्वपूर्ण संकेत है कि सार्वजनिक परिवहन में यात्रियों और कर्मचारियों के बीच बेहतर संवाद और अनुशासन की जरूरत है, ताकि ऐसी अव्यवस्थित घटनाएं दोबारा न हों।