आचार्य प्रमोद कृष्णम ने असदुद्दीन ओवेसी और बक्फ बोर्ड पर अपना बयान जारी किया। उन्होंने भारत की भूमि पर सिर्फ भारत का अधिकार बताया और सनातन धर्म की अहमियत को रेखांकित किया। आचार्य ने विपक्षी नेताओं से मुख्य धारा में लौटने की अपील की और बक्फ बोर्ड के खिलाफ भारत की संसद के फैसले का स्वागत करने की बात कही। आचार्य ने ओवेसी के बयान को खारिज करते हुए, भारत की संस्कृति और सनातन धर्म की रक्षा का संकल्प लिया।
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बक्फ बोर्ड और असदुद्दीन ओवेसी के बयान पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत की भूमि पर सिर्फ भारत का अधिकार है, न कि ओवेसी, बाबर या तैमूर लंग का। आचार्य ने यह भी कहा कि बक्फ बोर्ड का गठन भारत की शक्तियों का दुरुपयोग करके किया गया था, और इसका कोई संवैधानिक आधार नहीं है।
आचार्य ने यह स्पष्ट किया कि भारत की संसद किसी भी फैसले को लेने में सक्षम है और यदि बक्फ बोर्ड को खत्म करने का निर्णय लिया जाता है, तो उनका स्वागत किया जाएगा। उन्होंने विपक्षी नेताओं से भी अपील की कि वे सनातन धर्म और भारत की संस्कृति की रक्षा करें और मुख्य धारा में लौटें। आचार्य ने कहा कि सनातन धर्म की उत्पत्ति भारत की भूमि पर हुई है और इसे खत्म करने की कोशिश करने वालों का अंत निश्चित है।
उन्होंने विपक्षी नेताओं से कहा कि वे भारत माता की जय बोलें और भारतीय सेनाओं का सम्मान करें, क्योंकि सनातन और भारत का रिश्ता कभी अलग नहीं हो सकता। उन्होंने यह भी कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है और विपक्षी नेताओं को समझना चाहिए कि भारत की समृद्धि और संस्कृति का मूल सनातन धर्म में है।
आचार्य ने जोर देकर कहा कि सनातन धर्म के विरोधी इतिहास में अपना स्थान खो चुके हैं, और जो भी इसके विरोध में खड़े होंगे, उनका भी वही हाल होगा।
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