नई दिल्ली। केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण कैट ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स के एक विभाग के प्रमुख की नियुक्ति को चुनौती देने वाले आवेदन पर आज एम्स और उसके एक चिकित्सक को नोटिस जारी किया और कहा कि यह पूरी तरह से मनमाना और कानून के विपरीत है।
यह आवेदन एम्स के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी पेट एवं आंत विभाग के प्रोफेसर अनूप सराया ने उमेश कपिल की नियुक्ति को चुनौती देते हुए आवेदन दायर किया है। कपिल को बीते एक नवंबर को इस विभाग का प्रमुख नियुक्त किया गया था।
आवेदन में आरोप लगाया गया है कि कपिल के पास इस पद के लिए जरुरी एमडी की योग्यता नहीं है।सराया ने अपने आवेदन में कैट से मांग की है कि कपिल के स्थान पर इस पद पर उन्हें नियुक्त किया जाए। न्यायाधिकरण ने इस मामले पर एम्स और कपिल को नोटिस जारी किया और सात दिसंबर तक जवाब देने को कहा है।
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