लखनऊ।
उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री असीम अरुण ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जब समाजवादी पार्टी सत्ता में थी, तब दलित महापुरुषों के नाम हटाए गए, जिससे उनकी पार्टी का असली चेहरा सामने आ गया।
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असीम अरुण ने कहा कि “जो लोग बंटवारे की राजनीति करते हैं, उन्हें वोट नहीं मिलते, बल्कि समाज में नफरत फैलती है। भाजपा की सरकार समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलती है और दलित महापुरुषों के योगदान को सम्मान देती है।”
मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि “आज जो मेट्रो, हाईवे और एयरपोर्ट दिखाई दे रहे हैं, वो करदाताओं की मेहनत का नतीजा हैं। यह किसी एक पार्टी की नहीं, बल्कि देश के आम नागरिकों की मेहनत और सरकार की दूरदर्शिता का परिणाम है।”
दलित समाज को साधने की कोशिश
असीम अरुण खुद दलित समुदाय से आते हैं और लंबे समय तक पुलिस सेवा में रहने के बाद राजनीति में कदम रखा। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के कार्यकाल में दलित समाज की लगातार उपेक्षा हुई।
“आज जब भाजपा सरकार बाबा साहब अंबेडकर, संत रविदास जैसे महापुरुषों के विचारों को आगे बढ़ा रही है, तब कुछ लोग सिर्फ वोट बैंक की राजनीति में लगे हैं,” असीम अरुण ने जोड़ा।
राजनीतिक सरगर्मियां तेज
लोकसभा चुनाव 2024 की सरगर्मियों के बीच असीम अरुण का यह बयान राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। समाजवादी पार्टी की ओर से अभी तक इस बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
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