Saturday , January 11 2025

Shivani Dinkar

बाल-बाल बचे केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा, एस्कॉर्ट वाहन पलटी, दो जख्मी

बाल-बाल बचे केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा, एस्कॉर्ट वाहन पलटी, दो जख्मी

केंद्रीय नागरिक उड्यन मंत्री जयंत सिन्हा शुक्रवार की रात करीब 12 बजे हजारीबाग के चरही घाटी में बाल-बाल बच गए, जबकि उनकी सुरक्षा में चल रहे पुलिस की एस्कॉर्ट गाड़ी ट्रेलर से टकराते हुए पलटी हो गयी। एस्कॉर्ट वाहन के पलटी होने से उस पर सवार एक पुलिसकर्मी की अंगुली …

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जानिए कैसी रहेगी आज आपके दिन की दशा

जानिए कैसी रहेगी आज आपके दिन की दशा

हर दिन की तरह आज भी आप अपनी राशि देखने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहें होंगे तो अब आपको इंतजार करने के जरुरत नही है, क्योंकि हर दिन की तरह एक बार फिर हम लेकर आ गए हैं आपकी राशि. गौरतलब है कि राशि के जरिये हम अपने भविष्य में होने …

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BSNL ने लॉन्च किया नया ब्रॉडबैंड प्लान, प्रतिदिन 20 जीबी डेटा

BSNL ने लॉन्च किया नया ब्रॉडबैंड प्लान, प्रतिदिन 20 जीबी डेटा

बीएसएनएल ने अपने यूजर्स के लिए एक और किफायती ब्रॉडबैंड प्लान पेश किया है. इस प्लान को बुधवार को लॉन्च किया गया है. इसे अब तक का सबसे सस्ता ब्रॉडबैंड प्लान भी माना जा रहा है. बीएसएनएल ने नए ब्रॉडबैंड प्लान को 491 रुपये की कीमत में पेश किया है. इस …

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फ्री वाई-फाई की सुविधा से बढ़ेंगे इंटरनेट यूजर्स

फ्री वाई-फाई की सुविधा से बढ़ेंगे इंटरनेट यूजर्स

गूगल की नई सेवा से जल्द ही भारत में और अधिक लोगों तक इंटरनेट सेवा पहुंचाई जा सकेगी. गूगल इस परियोजना पर काम कर रहा है जिससे की वाई-फाई हॉटस्पॉट के जरिये भारत में लोगो को इंटरनेट सेवा प्रदान की जा सके. फिलहाल भारत के कई स्टेशन पर गूगल फ्री इंटरनेट …

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जम्मू-कश्मीर में सरकार के गठन के लिए सभी पार्टी लगा रहे अपना जोर

जम्मू-कश्मीर में सरकार के गठन के लिए सभी पार्टी लगा रहे अपना जोर

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के गिरने के बाद जारी राजनीतिक असमंजस के बीच वीरवार को पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन और पीडीपी के वरिष्ठ नेता डॉ. हसीब द्राबू की नई दिल्ली में मुलाकात हुई। अपने संगठन में विभाजन को टालने के लिए प्रयासरत पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती …

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नहीं होते श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी तो पूर्वी पाकिस्‍तान का हिस्‍सा होता पश्चिम बंगाल

आमतौर पर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष एवं ‘एक देश में एक निशान, एक विधान और एक प्रधान’ के संकल्पों को पूरा करने के लिए कश्मीर में खुद का बलिदान देने के नाते याद किया जाता है, लेकिन उनका विराट व्यक्तित्व इतने तक सीमित नहीं है, बल्कि स्वतंत्रता से पूर्व और स्वतंत्रता के बाद राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान की ऐतिहासिक श्रृंखलाएं हैं। इतिहास में जाकर देखें तो भारत सरकार अधिनियम 1935 के तहत 1937 में संपन्न हुए प्रांतीय चुनावों में बंगाल में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था। यह चुनाव ही डॉ. मुखर्जी के राजनीति का प्रवेश काल था। कांग्रेस सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी और मुस्लिम लीग एवं कृषक प्रजा पार्टी को भी ठीक सीटें मिली थीं। बंगाल में लीगी सरकार का गठन हो गया। लीगी सरकार के गठन के साथ ही अंग्रेज हुकूमत अपनी मंशा में कामयाब हो चुकी थी। खुलकर किया नीतियों का विरोध PDP से गठबंधन तोड़ने के बाद पहली बार जम्मू पहुंचे अमित शाह, आज जनसभा को करेंगे संबोधित यह भी पढ़ें लीगी सरकार के समक्ष जब सबसे बड़े राजनीतिक दल के रूप में कांग्रेस उदासीन रुख रखे हुए थी, ऐसे में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी तत्कालीन नीतियों का मुखर विरोध करने वाले सदस्य थे। उन्होंने मुस्लिम लीग की सांप्रदायिक नीतियों और तत्कालीन सरकार की कार्यप्रणाली का हर मोर्चे पर खुलकर विरोध किया। तत्कालीन सरकार द्वारा बंगाल विधानसभा में कलकत्ता म्युनिसिपल बिल रखा गया था, जिसके तहत मुसलमानों के लिए पृथक निर्वाचन का प्रावधान था। इस बिल का उस दौर में अगर सर्वाधिक मुखर विरोध किसी एक नेता ने किया तो वे डॉ. मुखर्जी थे। दरअसल लीगी सरकार द्वारा हिंदू बहुल क्षेत्रों में हिंदुओं की भागीदारी को सीमित करने की यह एक साजिश थी, जिसका विरोध उन्होंने किया था। दिलाई मुस्लिम लीग के चंगुल से मुक्ति ये है नई गुजरात विधानसभा तस्वीर- 141 करोड़पति, 47 अपराधी यह भी पढ़ें वर्ष 1937 से लेकर 1941 तक फजलुल हक और लीगी सरकार चली और इससे ब्रिटिश हुकूमत ने फूट डालो और राज करो की नीति को मुस्लिम लीग की आड़ में हवा दी। लेकिन अपनी राजनीतिक सूझबूझ की बदौलत डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1941 में बंगाल को मुस्लिम लीग के चंगुल से मुक्त कराया और फजलुल हक के साथ गठबंधन करके नई सरकार बनाई। इस सरकार में डॉ. मुखर्जी के प्रभाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह साझा सरकार ‘श्यामा-हक कैबिनेट’ के नाम से मशहूर हुई। इस सरकार में डॉ. मुखर्जी वित्तमंत्री बने थे। श्यामा प्रसाद ने नई सरकार के माध्यम से बंगाल को स्थिरता की स्थिति में लाने की दिशा में ठोस कदम उठाना शुरू किया तो यह बात ब्रिटिश हुकूमत को रास नहीं आई। अंग्रेजों की अस्थिरता फैलाने की कोशिश जानें, कैसे समाजवादी चाल से करोड़ों के मालिक बन बैठे लालू यादव एंड संस यह भी पढ़ें अंग्रेज लगातार बंगाल को अस्थिर करने की कोशिशों में लगे रहे। मिदनापुर त्रसदी से जुड़े एक पत्र में उन्होंने बंगाल के गवर्नर जॉन हर्बर्ट को कहा था, ‘मैं बड़ी निराशा और विस्मय से कहना चाहूंगा कि पिछले सात महीनों के दौरान आप यह बताते रहे कि किसी भी कीमत पर मुस्लिम लीग से समझौता कर लेना चाहिए था।’ ब्रिटिश हुकूमत की सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने वाली नीतियों के प्रति मन में उठे विरोध के भाव ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को त्यागपत्र देने पर मजबूर कर दिया। लेकिन उन्होंने मुस्लिम लीग को बंगाल की सत्ता से किनारे करके अंग्रेजों की मंशा पर पानी फेरने का काम तो कर ही दिया था। बंगाल विभाजन के दौरान हिंदू अस्मिता की रक्षा में भी डॉ. मुखर्जी का योगदान बेहद अहम माना जाता है। तो पश्चिम बंगाल होता पूवी पाकिस्‍तान का हिस्‍सा गए लालू यादव साढ़े तीन साल के लिए जेल, सिर्फ 10 प्वाइंट्स में पढ़ें चारा घोटाले का पूरा मामला यह भी पढ़ें हिंदुओं की ताकत को एकजुट करके डॉ. मुखर्जी ने पूर्वी पाकिस्तान में बंगाल का पूरा हिस्सा जाने से रोक लिया था। अगर डॉ. मुखर्जी नहीं होते तो आज पश्चिम बंगाल भी पूर्वी पाकिस्तान (उस दौरान के) का ही हिस्सा होता, लेकिन हिंदुओं के अधिकारों को लेकर वे अपनी मांग और आंदोलन पर अडिग रहे, लिहाजा बंगाल विभाजन संभव हो सका। वर्ष 1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद जब जवाहरलाल नेहरू देश के प्रधानमंत्री बने तो स्वयं महात्मा गांधी एवं सरदार पटेल ने डॉ. मुखर्जी को तत्कालीन मंत्रिपरिषद में शामिल करने की सिफारिश की और नेहरू द्वारा डॉ. मुखर्जी को मंत्रिमंडल में लेना पड़ा। डॉ. मुखर्जी देश के प्रथम उद्योग एवं आपूर्ति मंत्री बने। उद्योग एवं आपूर्ति मंत्री के रूप में उन्होंने कम समय में उल्लेखनीय कार्य किए। रखी एक मजबूत बुनियाद छोटे से कार्यकाल में डॉ. मुखर्जी ने भावी भारत के औद्योगिक निर्माण की दिशा में जो बुनियाद रखी उसको लेकर किसी के मन में को संदेह नहीं होना चाहिए। प्रशांत कुमार चटर्जी की किताब ‘डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी एंड इंडियन पॉलिटिक्स’ (पृष्ठ संख्या 222 से 259) में उनके द्वारा बेहद कम समय में किए औद्योगिक विकास के कार्यो का विस्तार से उल्लेख है। भावी भारत के औद्योगिक निर्माण की जो कल्पना डॉ. मुखर्जी ने उद्योग एवं आपूर्ति मंत्री रहते हुए की थी, उसके परिणामस्वरूप औद्योगिक विकास के क्षेत्र में देश ने कई प्रतिमान स्थापित किए। नीतिगत स्तर पर उनके द्वारा किए गए प्रयास भारत के औद्योगिक विकास में अहम कारक बनकर उभरे। खादी ग्रामोद्योग की स्थापना उनके कार्यकाल में ऑल इंडिया हैंडीक्राफ्ट बोर्ड, ऑल इंडिया हैंडलूम बोर्ड, खादी ग्रामोद्योग की स्थापना हुई थी। जुलाई 1948 में इंडस्टियल फिनांस कॉरपोरेशन की स्थापना हुई। डॉ. मुखर्जी के कार्यकाल में देश का पहला भारत निर्मित लोकोमोटिव एसेंबल्ड पार्ट इसी दौरान बना और चितरंजन लोकोमोटिव फैक्ट्री भी शुरू की गई। चटर्जी की किताब में इस बात का बड़े स्पष्ट शब्दों में जिक्र है कि भिलाई प्लांट, सिंदरी फर्टिलाइजर सहित कई और औद्योगिक कारखानों की परिकल्पना मंत्री रहते हुए डॉ. मुखर्जी ने की थी, जो बाद में पूरी भी हुईं। हालांकि कुछ साल बाद उन्होंने इस पद से भी इस्तीफा दे दिया। वैकल्पिक राजनीति की कुलबुलाहट दरअसल लियाकत-नेहरू पैक्ट को वे हिंदुओं के साथ छलावा मानते थे। नेहरू की नीतियों के विरोध में एक वैकल्पिक राजनीति की कुलबुलाहट डॉ. मुखर्जी के मन में हिलोरे मारने लगी थी। आरएसएस के तत्कालीन सर संघचालक गुरुजी से सलाह करने के बाद 21 अक्टूबर, 1951 को दिल्ली में एक छोटे से कार्यक्रम में भारतीय जनसंघ की नींव पड़ी और डॉ. मुखर्जी उसके पहले अध्यक्ष चुने गए। 1952 में देश में पहला आम चुनाव हुआ और जनसंघ तीन सीटें जीत पाने में कामयाब रहा। डॉ. मुखर्जी भी बंगाल से जीत कर लोकसभा में आए। वे सदन में नेहरू की नीतियों पर तीखा चोट करते थे। शायद अगर डॉ. मुखर्जी न होते तो एक स्वस्थ लोकतंत्र में मजबूत विपक्ष की अवधारणा की नींव नहीं रखी गई होती।

आमतौर पर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष एवं ‘एक देश में एक निशान, एक विधान और एक प्रधान’ के संकल्पों को पूरा करने के लिए कश्मीर में खुद का बलिदान देने के नाते याद किया जाता है, लेकिन उनका विराट व्यक्तित्व इतने तक सीमित नहीं है, …

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बिटकॉइन अब आपके खाते के लिए कारगर नहीं, एक पैसा नहीं जोड़ पाएगा

बिटकॉइन अब आपके खाते के लिए कारगर नहीं, एक पैसा नहीं जोड़ पाएगा

बिटकॉइन के जरिए अब कमाई का रास्ता बंद हो गया है क्योंकि अब यह आपके बैंक खाते में एक पैसे का इजाफा नहीं कर सकेगा. भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से भारतीय बैंकों को दुनिया के किसी भी क्रिप्टोकरंसी एजेंसी के साथ संबंध खत्म करने की दी गई मियाद आज …

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लगातार दूसरे दिन बढ़े पेट्रोल के दाम, जानें आज क्या है कीमत

लगातार दूसरे दिन बढ़े पेट्रोल के दाम, जानें आज क्या है कीमत

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का सिलसिला एक बार फिर शुरू हो गया है. लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी हुई है. शुक्रवार को पेट्रोल की कीमत में 14 से 15 पैसे की बढ़ोतरी की गई है. वहीं, डीजल का दाम 16 …

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ट्रेड वॉर की आशंका के बावजूद बाजार मजबूत, सेंसेक्स 99 अंक बढ़ा

ट्रेड वॉर की आशंका के बावजूद बाजार मजबूत, सेंसेक्स 99 अंक बढ़ा

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से चीनी सामान पर टैरिफ लगाए जाने के फैसले का शुक्रवार को एश‍ियाई बाजार पर असर दिखा है. हालांकि इस कारोबारी हफ्ते के अंतिम दिन जहां एश‍ियाई बाजार कमजोर रहे हैं. वहीं घरेलू शेयर बाजार में बढ़त शुरू हो गई है. शुक्रवार को सपाट …

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डॉलर के मुकाबले फिर 69 के पार रुपया, कच्चे तेल समेत इस वजह से बढ़ रही गिरावट

डॉलर के मुकाबले फिर 69 के पार रुपया, कच्चे तेल समेत इस वजह से बढ़ रही गिरावट

डॉलर के मुकाबले रुपये में जारी गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही है. शुक्रवार को एक बार फिर रुपया डॉलर के मुकाबले 69 के पार पहुंच गया है. शुरुआती कारोबार में रुपया डॉलर के मुकाबले 8 पैसे गिरकर 69.03 के स्तर पर पहुंचा है. रुपये में आई इस गिरावट …

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