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Shivani Dinkar

आज का राशिफल, 04 जुलाई 2018: जानिए किस राशि वालों को रखना है अपने पर नियंत्रण?

आज का राशिफल, 04 जुलाई 2018: जानिए किस राशि वालों को रखना है अपने पर नियंत्रण?

आज (04 जुलाई, बुधवार) का राशिफल में जानें मेष राशि वाले क्या ना करें आज ? वृष राशि वाले क्यों होंगे परेशान ? मिथुन राशि वाले किसपर रखें नियंत्रण? कर्क राशि वाले क्या करें आज ? अन्य सभी राशियों से भी हाल बता रहे हैं गुरूजी पवन सिन्हा. जानें आपका राशि क्या कहता है- मेष राशि (Aries Horoscope)- दशाम …

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सड़क हादसों की वजह है ट्रिपल ओ, जानिए क्या है ये

ट्रिपल ओ' यानी ओवरस्पीड, ओवरलोडिंग और ओवरटेक के दौरान नियमों की अनदेखी 60 फीसद सड़क हादसों का मूल कारण होती है। इसे लेकर पुलिस कार्रवाई भी करती है, फिर भी हालात जस के तस हैं। पौड़ी के धुमाकोट में रविवार को हुए बस हादसे में 48 लोगों की जान चली गई। हादसे की असल वजह क्या रही, तंत्र इसकी पड़ताल में जुट तो गया है। लेकिन, एक बात तो साफ हो चुकी है कि 28 सीटर बस में क्षमता से दोगुने यानी 61 यात्री सवार थे। ऐसे में साफ है कि सड़क पर वाहन चलाते समय की गई छोटी सी लापरवाही मौत की नींद सुला देती है। राजधानी दून की बात करें तो यहां सड़क हादसों में प्रतिवर्ष लगभग डेढ़ सौ से अधिक लोग जान गवा देते है, वहीं इससे दो गुना घायल होकर जिंदगीभर दुर्घटना का दंश झेलते हैं। पुलिस की मानें तो सड़क हादसों का सबसे अहम कारण अप्रशिक्षित चालक, लापरवाही, ओवरलो¨डग और यातायात नियमों का पालन नहीं होना है। यही नहीं सड़कों पर पार्किंग, अधूरे सड़क निर्माण, यातायात संकेतकों की कमी, ओवरलोड वाहन व तेज रफ्तार सहित ऐसे बहुत से कारण हैं, जिन पर कार्रवाई न होने के कारण स्थिति चिंताजनक होती जा रही है। कम जुर्माने से नहीं रहा डर उत्तराखंड में 17 साल में हुए 843 सड़क हादसे, ढाई हजार लोगों की हुई मौत यह भी पढ़ें सड़क हादसों के पीछे यातायात नियमों की अनदेखी सबसे बड़ा कारण होता है। छोटी-छोटी गलतियां कई बार बड़े हादसों का कारण बन जाती है। कई गलतियों पर मामूली जुर्माना होने से भी लोग सचेत होने की जगह जुर्माना भरना शौक समझते हैं। हालांकि केंद्र सरकार की ओर से ओवरस्पीड, रेड लाइट जंप, रफ ड्राइविंग सहित छह मामलों में गाड़ी छोड़ने का अधिकार आरटीओ को दिया गया है, लेकिन स्थिति यथावत है। लालच-मजबूरी भी है कारण मदरसों में टॉप करने के बाद भी अधर में है भविष्य, जानिए वजह यह भी पढ़ें पर्वतीय मार्गो पर सवारी वाहनों की संख्या मैदानी इलाकों की अपेक्षा कम होने के कारण निजी वाहन चालक मानक से कहीं ज्यादा सवारिया ढोते हैं। ओवरलोडिंग के पीछे वाहन चालक को अधिक किराये का लालच होता है तो लोगों के सामने मजबूरी। यह है चालान राशि रोडवेज कर्मियों को मिला ईद का ये तोहफा, जानिए यह भी पढ़ें वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करना, 500 रुपये बिना हेलमेट, 100 रुपये योग के बहाने पीएम मोदी ने दी विरोधियों को नसीहत, जानिए यह भी पढ़ें ओवर स्पीड, 500 रुपये रेडलाइट जंप, 100 रुपये रफ ड्राइविंग, 100 रुपये गलत ओवरटेक,100 रुपये धूमपान, 100 रुपये बिना सीट बेल्ट,100 रुपये बीते तीन वर्षो में प्रदेशभर में हुए सड़क हादसे वर्ष, दुर्घटनाएं, मृतक, घायल 2015, 1523, 913, 1657 2016, 1591, 962, 1736 2017, 1603, 942, 1631 2018(अब तक), 618, 390, 659 राज्य में हादसों के प्रमुख कारण और मौत के आंकड़े कारण, दुर्घटनाएं, मृतक, घायल ओवरस्पीड, 342, 226, 341 गलत साइड से ड्राइविंग, 43, 14, 48 गलत तरीके से ओवरटेक, 50, 24, 47 सड़क पर रेत, बजरी, 12, 14, 08 सड़क पर गड्ढे, 06, 04, 04 शराब पीकर गाड़ी चलाना, 06, 03, 011 वाहन की खराबी, 05, 02, 04 सड़क पर गाड़ी की पार्किंग, 07, 04, 08 (नोट: आंकड़े एक जनवरी से 31 मई 2018 तक के हैं) एसएसपी निवेदिता कुकरेती का कहना है कि अगर वाहन चलाते समय यातायात नियमों का पालन किया जाए तो हादसे का खतरा काफी हद तक टाला जा सकता है। जागरूकता अभियान के दौरान लोगों को इसके लिए प्रेरित भी किया जाता है। इसके साथ ही कार्रवाई भी की जाती है।

ट्रिपल ओ’ यानी ओवरस्पीड, ओवरलोडिंग और ओवरटेक के दौरान नियमों की अनदेखी 60 फीसद सड़क हादसों का मूल कारण होती है। इसे लेकर पुलिस कार्रवाई भी करती है, फिर भी हालात जस के तस हैं। पौड़ी के धुमाकोट में रविवार को हुए बस हादसे में 48 लोगों की जान चली …

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कितनी देर करें सेक्स?

कितनी देर करें सेक्स?

आपको यह पढ़कर थोड़ा अजीब लग रहा होगा, आप सोच रहे होंगे कि सेक्स का भी क्या कोई समय होता है? तो हम आपको बता दें कि हां यह हो सकता है। एक निश्चित समय से ज्यादा देर तक सेक्स करना हानिकारक हो सकता है, हालांकि इस बारे में एक्सपर्ट्स …

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ATM से पैसे निकालना हो सकता है महंगा, बैंकों ने RBI से मांगी मंजूरी

वैसे तो देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा दिया जा रहा है लेकिन अब यह भी आम लोगों की जेब पर भारी पड़ सकता है। देश के बैंकों ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को चिट्ठी लिखकर एटीएम से पैसे निकालने पर चार्ज बढ़ाने की इजाजत मांगी है। दरअसल, रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को अपने एटीएम अपग्रेड करने के लिए कहा है। इसका पहला चरण इसी साल अगस्त तक पूरा होना है। लेकिन एटीएम अपग्रेड करने से बैंकों पर खर्च का बोझ बढ़ेगा और बैंकों ने इसका तोड़ निकालते हुए यह बोझ आम जनता पर डालने की तैयारी कर ली है। उन्होंने आरबीआई को पत्र लिखकर एटीएम ट्रांजेक्शन बढ़ाने की इजाजत मांगी है। अगर ऐसा होता है तो बैंक दो तरह से यह चार्ज बढ़ा सकते हैं। या तो वो एटीएम से फ्री ट्रांजेक्शन खत्म होने पर लिए जाने वाले 18 रुपए के चार्ज को बढ़ा दें या फिर फ्री ट्रांजेक्शन की संख्या कम कर दें। आरबीआई ने क्यों दिया एटीएम अपग्रेड का निर्देश आरबीआई ने सभी बैंकों से एटीएम को अपग्रेड करने का निर्देश धोखाधड़ी और हैकिंग जैसी शिकायतों को देखते हुए दिया है। इसकी पहली डेडलाइन अगस्त, 2018 है। वहीं, आखिरी चरण जून 2019 में समाप्त होगा। जानकारी के लिए बता दें कि एटीएम अपग्रेडेशन के तहत बैंकों को बेसिक इनपुट आउटपुट सिस्टम (बीआईओएस) को अपग्रेड करना होगा। इसके जरिए सिस्टम को बूट या जाता है। ऑपरेटिंग सिस्टम लोड करते समय बीआईओएस कंप्यूटर के हार्डवेयर जिसमें रैम, प्रोसेसर, कीबोर्ड, माउस, हार्ड ड्राइव को कॉन्फिगर करता है। आरबीआई ने बैंकों से यूएसबी पोर्ट डिसेबल कर एटीएम के ऑपरेटिंग सिस्टम का नवीनतम वर्जन लागू करने के लिए कहा है। साथ ही नये नोट के लिहाज से एटीएम के कैसेट को रीकॉन्फिगर करने के लिए भी कहा गया है। गौरतलब है कि नये एटीएम की लागत पहले के मुकाबले 30 फीसद तक बढ़ सकती है।

वैसे तो देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा दिया जा रहा है लेकिन अब यह भी आम लोगों की जेब पर भारी पड़ सकता है। देश के बैंकों ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को चिट्ठी लिखकर एटीएम से पैसे निकालने पर चार्ज बढ़ाने की इजाजत मांगी है। दरअसल, रिजर्व बैंक …

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5G और IoT सर्विस लॉन्च करने में लगी होड़, जानें कैसे बदल रहीं टेलिकॉम सर्विसेज

रेवेन्यू के मामले में भारत की दूसरी सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी रिलायंस जियो अपनी स्थिति को और मजबूत करने के लिए टेलिकॉम इंडस्ट्री के अन्य क्षेत्रों में भी पैर पसार रही है। अगर भविष्य में विस्तार की बात की जाए तो क्रिप्टोकरंसी और IoT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) से लेकर 5जी नेटवर्क के लॉन्च तक कंपनी के पास कई प्लान्स हैं। भविष्य की सर्विसेज पर काम करने के लिए जियो ने हाल ही में अमेरिका की टेलिकॉम सॉफ्टवेयर कंपनी Radisys को खरीदा है। अगर अनुमान लगाया जाए तो साल 2020 तक भारत में IoT के लिए 9 बिलियन डॉलर की आवश्यकता होगी। कैसे बदल रही हैं टेलिकॉम सर्विसेज? पिछले कुछ वर्षों में डाटा की कीमतों में 90 फीसद की गिरावट आई है। जबकि वॉयस टैरिफ्स में 60 फीसद की। वहीं, साल दर साल ग्रॉस रेवन्यू में 8 फीसद की कमी आई है जिससे रेवन्यू 2017 में 2.6 लाख करोड़ रह गया है। अधिक डाटा और अन्य सर्विसेज के साथ टेलिकॉम इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। टेलिकॉम सर्विसेज से फोकस शिफ्ट होकर अब नई टेक्नोलॉजीज पर जा रहा है। टेलिकॉम कंपनियों ने IoT, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन-टू-मशीन जैसे तकनीकों पर काम शुरू भी कर दिया है। अरे वाह! भारत में लांच होगी 5जी सर्विस, इंटरनेट का अनुभव होगा 5गुना यह भी पढ़ें भारत में हो रहा IoT ईकोसिस्टम का विस्तार: भारत में IoT में 31 गुना बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। साथ ही वर्ष 2020 तक यह 0.06 बिलियन से 1.9 बिलियन ग्रोथ कर सकता है। वहीं, रेवन्यू के मामले में 700 फीसद की बढ़ोतरी होने की संभावना है जिससे रेवन्यू 1.3 डॉलर बिलियन से 9 डॉलर बिलियन पहुंच सकता है। वहीं, भारत सरकार IoT इंडस्ट्री को साल 2020 तक 15 बिलियन डॉलर पहुंचाने पर काम कर रही है। रिलायंस जियो ने की 5G सेवा की तैयारी, अमेरिकी कंपनी Radisys का करेगी अधिग्रहण यह भी पढ़ें रिलायंस जियो 5जी नेटवर्क: कंपनी भारत में सबसे पहले 5जी नेटवर्क का विस्तार करना चाहती है। कंपनी ने अपनी आने वाली 5जी डेवलपमेंट तकनीकों पर काम करना शुरू भी कर दिया है। 5G टेक्नोलॉजी और IoT जियो को मार्केट में पैर पसारने में मदद करेंगी। कंपनी ने एक IoT नेटवर्क भी तैयार किया है जो कुछ शरहों में कर्मशियली एक्टिव है। 5जी सर्विस के लिए भारतीय टेलिकॉम कंपनियों से बात कर रही है हुआवे यह भी पढ़ें एयरटेल, वोडाफोन और बीएसएनएल भी हैं रेस में: रिलयांस जियो के अलावा प्रतिद्विंदी टेलिकॉम कंपनियां भी 5जी नेटवर्क लॉन्च करने की रेस में हैं। BSNL 5जी नेटवर्क को ग्लोबली लॉन्च करने का प्लान कर रही है। वहीं, एयरटेल और वोडाफोन भारत में पहले से ही IoT सर्विसेज उपलब्ध करा रही हैं। एयरटेल जल्द ही IoT का विस्तार करने के लिए अमेरिका आधारित वेरिजॉन से पार्टनरशिप कर सकता है। कंपनी ने अपने IoT प्रोजेक्टस को मानेसर में शुरू किया है। वहीं, बेंग्लुरू में IoT सेंटर की स्थापना की है।

रेवेन्यू के मामले में भारत की दूसरी सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी रिलायंस जियो अपनी स्थिति को और मजबूत करने के लिए टेलिकॉम इंडस्ट्री के अन्य क्षेत्रों में भी पैर पसार रही है। अगर भविष्य में विस्तार की बात की जाए तो क्रिप्टोकरंसी और IoT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) से लेकर 5जी …

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पीएम मोदी ने बेरोजगारी के मुद्दे पर विरोधियों को दिखाया आईना, पूछा ये सवाल?

पीएम मोदी ने बेरोजगारी के मुद्दे पर विरोधियों को दिखाया आईना, पूछा ये सवाल?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि राज्य अगर नौकरी दे रहे हैं, तो केंद्र बेरोजगारी क्यों पैदा करेगा। रोजगार पर सही आंकड़े उपलब्ध न होने की वजह से विपक्षी दलों को आरोप लगाने का मौका मिला है। एक पत्रिका को दिए साक्षात्कार में मोदी ने हैरत जताई कि कर्नाटक …

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आखिर कैसे होगा देश का विकास, तय चुनाव खर्च का आधा भी खर्च नहीं कर पाते प्रत्याशी

आखिर कैसे होगा देश का विकास, तय चुनाव खर्च का आधा भी खर्च नहीं कर पाते प्रत्याशी

जितनी यह बात सही है कि प्रत्याशी अपने चुनाव खर्च का कुछ ही हिस्सा सार्वजनिक करते हैं, उतनी ही सच्चाई यह भी है कि सार्वजनिक किया गया खर्च तय सीमा के चुनाव खर्च से काफी कम होता है। विडंबना यह है कि इसके बावजूद वे खर्च की सीमा बढ़ाने की …

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‘सत्या’ के 20 साल : मनोज वाजपेई भीखू म्हात्रे नहीं, सत्या की भूमिका चाहते थे

फिल्म ‘ सत्या ’ के किरदार भीखू म्हात्रे को अभिनेता मनोज वाजपेयी ने अपनी अदाकारी से बेहद चर्चित बना दिया था. लेकिन जब उन्हें इस भूमिका का प्रस्ताव दिया गया था तब वह खुश नहीं थे क्योंकि उनकी इच्छा शीर्षक किरदार को निभाने की थी. सत्या तीन जुलाई 1998 को रिलीज हुई थी. इस फिल्म ने लेखक अनुराग कश्यप और वाजपेयी का करियर संवार दिया. कश्यप ने अभिनेता सौरभ शुक्ला के साथ मिल कर फिल्म की पटकथा लिखी थी. मनोज वाजपेयी ने पीटीआई - भाषा को बताया , ‘‘ शुरुआत में यह समझौता हुआ था कि शीर्षक भूमिका मैं निभाऊंगा लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें शीर्षक भूमिका के लिए नहीं बल्कि और दमदार मौजूदगी के लिए अभिनेता की तलाश है. मुझे सही किरदार मिला इसके लिए मैं अब ईश्वर का शुक्रिया अदा करता हूं. ’’ वाजपेयी ने बताया कि उन्होंने भीखू के बोलने के लहजे की प्रेरणा अपने रसोईये से ली थी जो कोल्हापुर का रहने वाला था. सत्या की रिलीज के हफ्ते भर के भीतर फिल्म को तबाह बता दिया गया क्योंकि इसे देखने केवल 15-20 लोग ही आए. लेकिन अचानक दर्शकों की संख्या बढ़ने लगी और ऐसे कई सिनेमा हॉल, जिन्होंने फिल्म उतार दी थी , उन्होंने इसका प्रदर्शन फिर शुरू कर दिया.

फिल्म ‘ सत्या ’ के किरदार भीखू म्हात्रे को अभिनेता मनोज वाजपेयी ने अपनी अदाकारी से बेहद चर्चित बना दिया था. लेकिन जब उन्हें इस भूमिका का प्रस्ताव दिया गया था तब वह खुश नहीं थे क्योंकि उनकी इच्छा शीर्षक किरदार को निभाने की थी. सत्या तीन जुलाई 1998 को …

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‘आंखे 2’ से अर्जुन रामपाल और अरशद वारसी OUT, अब कार्तिक और सुशांत की हो सकती है एंट्री

'आंखे 2' से अर्जुन रामपाल और अरशद वारसी OUT, अब कार्तिक और सुशांत की हो सकती है एंट्री

कार्तिक आर्यन के सितारे इन दिनों बुलंद है. जल्द ही एक बड़ी फिल्म में उनकी एंट्री हो सकती है. ऐसी खबरें हैं कि ‘आंखे 2’ में कार्तिक आर्यन और सुशांत सिंह राजपूत मुख्य भूमिका में होंगे. अब इस फिल्म से अरशद वारसी और अर्जुन रामपाल बाहर हो चुके हैं. इस …

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अक्षय कुमार से भिड़ने के मूड में नहीं हैं सनी देओल, फिल्म ‘YPD फिर से’ की रिलीज डेट आगे बढ़ाई

अक्षय कुमार से भिड़ने के मूड में नहीं हैं सनी देओल, फिल्म 'YPD फिर से' की रिलीज डेट आगे बढ़ाई

अभिनेता धर्मेंद्र, बॉबी देओल और सनी देओल की फिल्म ‘यमाला पगला दीवाना फिर से’ की रिलीज डेट आगे बढ़ा दी गई है. अब इनके फैंस को इस फिल्म को देखने के लिए थोड़ा और इंतजार करना होगा. ये फिल्म 15 अगस्त को अक्षय कुमार की ‘गोल्ड’ और जॉन अब्राहम की ‘सत्यमेव …

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