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ट्रिपल ओ' यानी ओवरस्पीड, ओवरलोडिंग और ओवरटेक के दौरान नियमों की अनदेखी 60 फीसद सड़क हादसों का मूल कारण होती है। इसे लेकर पुलिस कार्रवाई भी करती है, फिर भी हालात जस के तस हैं। पौड़ी के धुमाकोट में रविवार को हुए बस हादसे में 48 लोगों की जान चली गई। हादसे की असल वजह क्या रही, तंत्र इसकी पड़ताल में जुट तो गया है। लेकिन, एक बात तो साफ हो चुकी है कि 28 सीटर बस में क्षमता से दोगुने यानी 61 यात्री सवार थे। ऐसे में साफ है कि सड़क पर वाहन चलाते समय की गई छोटी सी लापरवाही मौत की नींद सुला देती है। राजधानी दून की बात करें तो यहां सड़क हादसों में प्रतिवर्ष लगभग डेढ़ सौ से अधिक लोग जान गवा देते है, वहीं इससे दो गुना घायल होकर जिंदगीभर दुर्घटना का दंश झेलते हैं। पुलिस की मानें तो सड़क हादसों का सबसे अहम कारण अप्रशिक्षित चालक, लापरवाही, ओवरलो¨डग और यातायात नियमों का पालन नहीं होना है। यही नहीं सड़कों पर पार्किंग, अधूरे सड़क निर्माण, यातायात संकेतकों की कमी, ओवरलोड वाहन व तेज रफ्तार सहित ऐसे बहुत से कारण हैं, जिन पर कार्रवाई न होने के कारण स्थिति चिंताजनक होती जा रही है। कम जुर्माने से नहीं रहा डर उत्तराखंड में 17 साल में हुए 843 सड़क हादसे, ढाई हजार लोगों की हुई मौत यह भी पढ़ें सड़क हादसों के पीछे यातायात नियमों की अनदेखी सबसे बड़ा कारण होता है। छोटी-छोटी गलतियां कई बार बड़े हादसों का कारण बन जाती है। कई गलतियों पर मामूली जुर्माना होने से भी लोग सचेत होने की जगह जुर्माना भरना शौक समझते हैं। हालांकि केंद्र सरकार की ओर से ओवरस्पीड, रेड लाइट जंप, रफ ड्राइविंग सहित छह मामलों में गाड़ी छोड़ने का अधिकार आरटीओ को दिया गया है, लेकिन स्थिति यथावत है। लालच-मजबूरी भी है कारण मदरसों में टॉप करने के बाद भी अधर में है भविष्य, जानिए वजह यह भी पढ़ें पर्वतीय मार्गो पर सवारी वाहनों की संख्या मैदानी इलाकों की अपेक्षा कम होने के कारण निजी वाहन चालक मानक से कहीं ज्यादा सवारिया ढोते हैं। ओवरलोडिंग के पीछे वाहन चालक को अधिक किराये का लालच होता है तो लोगों के सामने मजबूरी। यह है चालान राशि रोडवेज कर्मियों को मिला ईद का ये तोहफा, जानिए यह भी पढ़ें वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करना, 500 रुपये बिना हेलमेट, 100 रुपये योग के बहाने पीएम मोदी ने दी विरोधियों को नसीहत, जानिए यह भी पढ़ें ओवर स्पीड, 500 रुपये रेडलाइट जंप, 100 रुपये रफ ड्राइविंग, 100 रुपये गलत ओवरटेक,100 रुपये धूमपान, 100 रुपये बिना सीट बेल्ट,100 रुपये बीते तीन वर्षो में प्रदेशभर में हुए सड़क हादसे वर्ष, दुर्घटनाएं, मृतक, घायल 2015, 1523, 913, 1657 2016, 1591, 962, 1736 2017, 1603, 942, 1631 2018(अब तक), 618, 390, 659 राज्य में हादसों के प्रमुख कारण और मौत के आंकड़े कारण, दुर्घटनाएं, मृतक, घायल ओवरस्पीड, 342, 226, 341 गलत साइड से ड्राइविंग, 43, 14, 48 गलत तरीके से ओवरटेक, 50, 24, 47 सड़क पर रेत, बजरी, 12, 14, 08 सड़क पर गड्ढे, 06, 04, 04 शराब पीकर गाड़ी चलाना, 06, 03, 011 वाहन की खराबी, 05, 02, 04 सड़क पर गाड़ी की पार्किंग, 07, 04, 08 (नोट: आंकड़े एक जनवरी से 31 मई 2018 तक के हैं) एसएसपी निवेदिता कुकरेती का कहना है कि अगर वाहन चलाते समय यातायात नियमों का पालन किया जाए तो हादसे का खतरा काफी हद तक टाला जा सकता है। जागरूकता अभियान के दौरान लोगों को इसके लिए प्रेरित भी किया जाता है। इसके साथ ही कार्रवाई भी की जाती है।

सड़क हादसों की वजह है ट्रिपल ओ, जानिए क्या है ये

ट्रिपल ओ’ यानी ओवरस्पीड, ओवरलोडिंग और ओवरटेक के दौरान नियमों की अनदेखी 60 फीसद सड़क हादसों का मूल कारण होती है। इसे लेकर पुलिस कार्रवाई भी करती है, फिर भी हालात जस के तस हैं। पौड़ी के धुमाकोट में रविवार को हुए बस हादसे में 48 लोगों की जान चली गई। हादसे की असल वजह क्या रही, तंत्र इसकी पड़ताल में जुट तो गया है। लेकिन, एक बात तो साफ हो चुकी है कि 28 सीटर बस में क्षमता से दोगुने यानी 61 यात्री सवार थे। ऐसे में साफ है कि सड़क पर वाहन चलाते समय की गई छोटी सी लापरवाही मौत की नींद सुला देती है। ट्रिपल ओ' यानी ओवरस्पीड, ओवरलोडिंग और ओवरटेक के दौरान नियमों की अनदेखी 60 फीसद सड़क हादसों का मूल कारण होती है। इसे लेकर पुलिस कार्रवाई भी करती है, फिर भी हालात जस के तस हैं। पौड़ी के धुमाकोट में रविवार को हुए बस हादसे में 48 लोगों की जान चली गई। हादसे की असल वजह क्या रही, तंत्र इसकी पड़ताल में जुट तो गया है। लेकिन, एक बात तो साफ हो चुकी है कि 28 सीटर बस में क्षमता से दोगुने यानी 61 यात्री सवार थे। ऐसे में साफ है कि सड़क पर वाहन चलाते समय की गई छोटी सी लापरवाही मौत की नींद सुला देती है।   राजधानी दून की बात करें तो यहां सड़क हादसों में प्रतिवर्ष लगभग डेढ़ सौ से अधिक लोग जान गवा देते है, वहीं इससे दो गुना घायल होकर जिंदगीभर दुर्घटना का दंश झेलते हैं। पुलिस की मानें तो सड़क हादसों का सबसे अहम कारण अप्रशिक्षित चालक, लापरवाही, ओवरलो¨डग और यातायात नियमों का पालन नहीं होना है। यही नहीं सड़कों पर पार्किंग, अधूरे सड़क निर्माण, यातायात संकेतकों की कमी, ओवरलोड वाहन व तेज रफ्तार सहित ऐसे बहुत से कारण हैं, जिन पर कार्रवाई न होने के कारण स्थिति चिंताजनक होती जा रही है। कम जुर्माने से नहीं रहा डर    उत्तराखंड में 17 साल में हुए 843 सड़क हादसे, ढाई हजार लोगों की हुई मौत यह भी पढ़ें सड़क हादसों के पीछे यातायात नियमों की अनदेखी सबसे बड़ा कारण होता है। छोटी-छोटी गलतियां कई बार बड़े हादसों का कारण बन जाती है। कई गलतियों पर मामूली जुर्माना होने से भी लोग सचेत होने की जगह जुर्माना भरना शौक समझते हैं। हालांकि केंद्र सरकार की ओर से ओवरस्पीड, रेड लाइट जंप, रफ ड्राइविंग सहित छह मामलों में गाड़ी छोड़ने का अधिकार आरटीओ को दिया गया है, लेकिन स्थिति यथावत है।   लालच-मजबूरी भी है कारण    मदरसों में टॉप करने के बाद भी अधर में है भविष्य, जानिए वजह यह भी पढ़ें पर्वतीय मार्गो पर सवारी वाहनों की संख्या मैदानी इलाकों की अपेक्षा कम होने के कारण निजी वाहन चालक मानक से कहीं ज्यादा सवारिया ढोते हैं। ओवरलोडिंग के पीछे वाहन चालक को अधिक किराये का लालच होता है तो लोगों के सामने मजबूरी।   यह है चालान राशि    रोडवेज कर्मियों को मिला ईद का ये तोहफा, जानिए यह भी पढ़ें वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करना, 500 रुपये   बिना हेलमेट, 100 रुपये    योग के बहाने पीएम मोदी ने दी विरोधियों को नसीहत, जानिए यह भी पढ़ें ओवर स्पीड,  500 रुपये   रेडलाइट जंप, 100 रुपये   रफ ड्राइविंग,  100 रुपये   गलत ओवरटेक,100 रुपये   धूमपान,      100 रुपये     बिना सीट बेल्ट,100 रुपये   बीते तीन वर्षो में प्रदेशभर में हुए सड़क हादसे   वर्ष,            दुर्घटनाएं,   मृतक,  घायल   2015,          1523,       913,    1657   2016,           1591,      962,     1736   2017,           1603,      942,      1631   2018(अब तक),  618,     390,   659   राज्य में हादसों के प्रमुख कारण और मौत के आंकड़े   कारण,                           दुर्घटनाएं,  मृतक, घायल   ओवरस्पीड,                     342,        226,  341   गलत साइड से ड्राइविंग,     43,          14,     48   गलत तरीके से ओवरटेक,   50,          24,     47   सड़क पर रेत, बजरी,          12,          14,     08   सड़क पर गड्ढे,                  06,          04,      04   शराब पीकर गाड़ी चलाना,    06,          03,     011   वाहन की खराबी,                 05,          02,     04   सड़क पर गाड़ी की पार्किंग,     07,         04,      08   (नोट: आंकड़े एक जनवरी से 31 मई 2018 तक के हैं)   एसएसपी निवेदिता कुकरेती का कहना है कि अगर वाहन चलाते समय यातायात नियमों का पालन किया जाए तो हादसे का खतरा काफी हद तक टाला जा सकता है। जागरूकता अभियान के दौरान लोगों को इसके लिए प्रेरित भी किया जाता है। इसके साथ ही कार्रवाई भी की जाती है।

राजधानी दून की बात करें तो यहां सड़क हादसों में प्रतिवर्ष लगभग डेढ़ सौ से अधिक लोग जान गवा देते है, वहीं इससे दो गुना घायल होकर जिंदगीभर दुर्घटना का दंश झेलते हैं। पुलिस की मानें तो सड़क हादसों का सबसे अहम कारण अप्रशिक्षित चालक, लापरवाही, ओवरलो¨डग और यातायात नियमों का पालन नहीं होना है। यही नहीं सड़कों पर पार्किंग, अधूरे सड़क निर्माण, यातायात संकेतकों की कमी, ओवरलोड वाहन व तेज रफ्तार सहित ऐसे बहुत से कारण हैं, जिन पर कार्रवाई न होने के कारण स्थिति चिंताजनक होती जा रही है। कम जुर्माने से नहीं रहा डर 

सड़क हादसों के पीछे यातायात नियमों की अनदेखी सबसे बड़ा कारण होता है। छोटी-छोटी गलतियां कई बार बड़े हादसों का कारण बन जाती है। कई गलतियों पर मामूली जुर्माना होने से भी लोग सचेत होने की जगह जुर्माना भरना शौक समझते हैं। हालांकि केंद्र सरकार की ओर से ओवरस्पीड, रेड लाइट जंप, रफ ड्राइविंग सहित छह मामलों में गाड़ी छोड़ने का अधिकार आरटीओ को दिया गया है, लेकिन स्थिति यथावत है। 

लालच-मजबूरी भी है कारण 

पर्वतीय मार्गो पर सवारी वाहनों की संख्या मैदानी इलाकों की अपेक्षा कम होने के कारण निजी वाहन चालक मानक से कहीं ज्यादा सवारिया ढोते हैं। ओवरलोडिंग के पीछे वाहन चालक को अधिक किराये का लालच होता है तो लोगों के सामने मजबूरी। 

यह है चालान राशि 

वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करना, 500 रुपये 

बिना हेलमेट, 100 रुपये 

ओवर स्पीड,  500 रुपये 

रेडलाइट जंप, 100 रुपये 

रफ ड्राइविंग,  100 रुपये 

गलत ओवरटेक,100 रुपये 

धूमपान,      100 रुपये   

बिना सीट बेल्ट,100 रुपये 

बीते तीन वर्षो में प्रदेशभर में हुए सड़क हादसे 

वर्ष,            दुर्घटनाएं,   मृतक,  घायल 

2015,          1523,       913,    1657 

2016,           1591,      962,     1736 

2017,           1603,      942,      1631 

2018(अब तक),  618,     390,   659 

राज्य में हादसों के प्रमुख कारण और मौत के आंकड़े 

कारण,                           दुर्घटनाएं,  मृतक, घायल 

ओवरस्पीड,                     342,        226,  341 

गलत साइड से ड्राइविंग,     43,          14,     48 

गलत तरीके से ओवरटेक,   50,          24,     47 

सड़क पर रेत, बजरी,          12,          14,     08 

सड़क पर गड्ढे,                  06,          04,      04 

शराब पीकर गाड़ी चलाना,    06,          03,     011 

वाहन की खराबी,                 05,          02,     04 

सड़क पर गाड़ी की पार्किंग,     07,         04,      08 

(नोट: आंकड़े एक जनवरी से 31 मई 2018 तक के हैं) 

एसएसपी निवेदिता कुकरेती का कहना है कि अगर वाहन चलाते समय यातायात नियमों का पालन किया जाए तो हादसे का खतरा काफी हद तक टाला जा सकता है। जागरूकता अभियान के दौरान लोगों को इसके लिए प्रेरित भी किया जाता है। इसके साथ ही कार्रवाई भी की जाती है। 

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