“प्रयागराज के लोकनाथ मोहल्ले में स्थित बाबा लोकनाथ महादेव का मंदिर स्कंद पुराण और महाभारत में वर्णित है। शिवरात्रि के दिन यहां निकलने वाली ऐतिहासिक शिव बारात और भक्तों के लिए लोकनाथ महादेव के दर्शन के महत्व पर खास रिपोर्ट।”
प्रयागराज। तीर्थराज प्रयाग एक ऐतिहासिक और धार्मिक केंद्र है। यहां के प्रसिद्ध लोकनाथ मोहल्ले का नाम बाबा लोकनाथ महादेव के नाम पर पड़ा है, जिन्हें काशी के बाबा विश्वनाथ का प्रतिरूप माना जाता है। बाबा लोकनाथ के दर्शन से भक्तों के सभी सांसारिक कष्ट दूर होते हैं। लोकनाथ महादेव के बारे में स्कंद पुराण के रेवा खण्ड और महाभारत के शांतिपर्व में भी वर्णन मिलता है, जो उनके प्राचीन अस्तित्व और महत्ता को दर्शाता है।
बाबा लोकनाथ का मंदिर भारती भवन लाइब्रेरी के पीछे स्थित है और यहां के पुजारी गौरी शंकर पाण्डेय जी के अनुसार, बाबा लोकनाथ स्वयं भू शिवलिंग हैं। मंदिर में भगवान लोकनाथ के साथ उनकी सवारी नंदी महाराज, भगवान गणेश, माता पार्वती, और शेषनाग की मूर्तियां भी स्थापित हैं। इस मंदिर की विशेषता है कि यहां हर साल शिवरात्रि के दिन निकलने वाली ऐतिहासिक शिव बारात होती है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। इसके अलावा, इस मंदिर का कनेक्शन नाथ संप्रदाय से भी जुड़ा है, और प्राचीनकाल में मछंदरनाथ ने यहां चतुर्मास पूरा किया था।
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लोकनाथ मोहल्ला अपनी खाऊ गली के लिए भी मशहूर है, जहां रबड़ी, मलाई, लस्सी, और हरी के समोसों का स्वाद अनूठा है। इस मोहल्ले के बारे में कहा जाता है कि यहां के लोग न केवल धार्मिक दृष्टि से समर्पित हैं, बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यधिक संवेदनशील हैं।
महाकुंभ के दौरान लाखों श्रद्धालु यहां बाबा लोकनाथ के दर्शन के लिए आते हैं। बाबा लोकनाथ के दर्शन से उन्हें आध्यात्मिक शांति मिलती है और उनकी आस्था और विश्वास में वृद्धि होती है। इस मंदिर और बाबा के प्रति श्रद्धा इतनी गहरी है कि यहां की शिव बारात, होली और अन्य धार्मिक कार्यक्रम प्रयागराज की सांस्कृतिक धरोहर बन चुके हैं।
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